नीति आयोग ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ), जिनेवा के सहयोग से भारत में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2023 के अनावरण का उत्सव मनाया। भारत ने 132 अर्थव्यवस्थाओं में से 40वां स्थान बरकरार रखा है। इसके साथ देश ने कई नवाचार मापदंडों में निरंतर प्रगति की है। इस तरह, भारत जो पहले 2015 में 81वें स्थान पर था, वह इस उल्लेखनीय उपलब्धि के जरिये आगे बढ़ा है।

जीआईआई 2023 के लॉन्च में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें नीति आयोग के सदस्य (एस एंड टी) डॉ. वी.के. सारस्वत; नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री बीवीआर सुब्रमण्यम; डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक श्री डेरेन टैंग; जीआईआई के सह-संपादक और अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकी प्रभाग के प्रमुख डॉ. साचा वुन्श-विंसेंट; भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश कृष्णन; तथा प्रौद्योगिकी, नवाचार व अनुसंधान पर सीआईआई राष्ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष तथा जीई इंडिया प्रौद्योगिकी केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक नंदा शामिल थे।

डॉ. साचा वुन्श-विंसेंट ने अपने विस्तृत संबोधन में जीआईआई की वैश्विक रैंकिंग में देश को लगातार आगे बढ़ाने के लिए भारत, विशेष रूप से नीति आयोग की सराहना की। उन्होंने भारत की अनुकरणीय डेटा-संचालित नवाचार प्रगति और राष्ट्रीय स्तर की पहल पर प्रकाश डाला। मध्यम आय वाले देशों में, प्रभावी नीतियों और समन्वय के बल पर पिछले पांच वर्षों में भारत की लगातार नवाचार वृद्धि सबसे अलग है। उन्होंने कहा कि भारत एक रोमांचकारी भविष्य की नवाचार यात्रा के लिए “स्वीट स्पॉट” है, जो विशेष रूप से अपने सक्षम, उच्च शिक्षित, उद्यमशील मेधा वाले और बौद्धिक संपदा से ओतप्रोत युवाओं पर आधारित है।

जीआईआई 2023 की मुख्य विशेषताएं:

1. भारत का सतत उदय: जीआईआई में भारत की सतत प्रगति, 2015 में अपनी 81वीं रैंक से लेकर वर्तमान 40वीं स्थिति को बरकरार रखना, नवाचार के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह उर्ध्वगामी उदय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समर्थित आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप है, जो नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता और हर स्थिति में कायम रहने वाली संरचना पर जोर देती है।

2. समकक्षों के बीच नेतृत्वकारी भूमिका: भारत 37 निम्न-मध्यम-आय समूह अर्थव्यवस्थाओं के बीच अग्रणी बनकर उभरा है। वह नवाचार के संबंध में मध्य और दक्षिणी एशिया की 10 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊपर है।

3. सतत नवाचार उत्कृष्टता: भारत ने अपने विकास के स्तर के संबंध में अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए सबको प्रभावित किया है। वह लगातार 13वें वर्ष “नवाचार उपलब्धिकर्ता” के रूप में अपनी स्थिति पर कायम है।

4. क्षमता और फोकस क्षेत्र: भारत बाजार परिष्कार (इनपुट पिलर) और ज्ञान व प्रौद्योगिकी आउटपुट (आउटपुट पिलर) श्रेणियों में सर्वोच्च स्थान पर है। इसे अवसंरचना और संस्थानों के पिलर (इनपुट पिलरों) में शीर्ष 10 में शुमार किया जाता है।

5. शीर्ष क्रम वाला संकेतक: भारत ने “घरेलू बाजार पैमाने, बीएन पीपीपी” संकेतक में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके अलावा, भारत को छह अतिरिक्त संकेतकों में शीर्ष 10 में स्थान दिया गया है, जो “आईसीटी सेवा निर्यात, कुल व्यापार”, “प्राप्त उद्यम पूंजी, मूल्य, सकल घरेलू उत्पाद”, “स्टार्टअप और स्केलअप के लिए वित्त”, “घरेलू उद्योग विविधीकरण”, “यूनिकॉर्न मूल्यांकन, सकल घरेलू उत्पाद”, और “अमूर्त संपत्ति तीव्रता, शीर्ष 15” हैं।

6. नवाचार आउटपुट: भारत नवाचार आउटपुट में 35वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष से सुधार दर्शाता है।

7. विज्ञान और इंजीनियरिंग में उच्च स्नातक: भारत ने 2021 में विज्ञान और इंजीनियरिंग में कुल तृतीयक स्नातकों में से 34 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की है, जो इस संकेतक में 11वें स्थान पर है।

8. स्टार्टअप वित्त मान्यता: स्टार्टअप और स्केलअप के लिए भारत का वित्त इस श्रेणी में 9वें स्थान पर है, जबकि वेंचर कैपिटल प्रदर्शन के सिलसिले में उसे छठवां स्थान प्राप्त है, भले पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा कम है।

9. विविध घरेलू उद्योग: भारत घरेलू उद्योग विविधीकरण में वृद्धि दर्शाता है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस तरह सूचकांक में वह 10वें स्थान पर है।

10. पेटेंट और उल्लेखनीय दस्तावेज़: भारत मूल रूप से पेटेंट में पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है और वैश्विक स्तर पर 28वें स्थान पर है। इसके अतिरिक्त, इसने 2022 में उपयुक्त दस्तावेज़ एच-इंडेक्स में 20वीं रैंक हासिल की।

11. यूनिकॉर्न मूल्यांकन: भारत का यूनिकॉर्न मूल्यांकन 2023 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.04 प्रतिशत है, जो इस संकेतक में 9वां स्थान हासिल करता है।

12. हाई-टेक विनिर्माण: हाई-टेक विनिर्माण ने 2019 में कुल विनिर्माण उत्पादन में 34.23 प्रतिशत का योगदान दिया। इस श्रेणी में भारत 35वें स्थान पर है।

13. अमूर्त संपदा सघनता: भारत ने अमूर्त संपदा सघनता में प्रभावशाली 8वां स्थान हासिल किया, और 2023 में 210.907 अरब अमरीकी डालर का वैश्विक ब्रांड मूल्य कायम रखा। इस तरह वह विश्व स्तर पर 31वें स्थान पर है।

14. सांस्कृतिक और रचनात्मक निर्यात: भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक सेवाओं का निर्यात 2021 में बढ़ गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.4 प्रतिशत अधिक है और उसने इस गतिशील सेक्टर में 18वां स्थान हासिल किया है।

भारत में वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 के जरिये देश की नवाचार के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता और वैश्विक नवाचार में उसकी नेतृत्वकारी भूमिका की मिसाल पेश की गई है। चूंकि भारत लगातार अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और विभिन्न संकेतकों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है, यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, लचीलेपन को बढ़ावा देने और नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता को अपनाने के लिए तैयार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *