5 माह बाद पूर्ण स्वस्थ और सुपोषित होकर अपने घर लौटी सोमवती
कलेक्टर की संजीदगी से सोमवती को मिला नवजीवन
नए वस्त्र, उपहार – सुपोषण किट के साथ किया घर रवाना
सतना। पांच माह के बाद चित्रकूट के सुरंगी गांव की सोमवती मवासी गुरुवार को अपने घर पहुंची। कलेक्ट्रेट परिसर से कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सोमवती को नये वस्त्र, उपहार, फलों की टोकरी एवं एक माह का पोषण आहार किट भेंटकर चार पहिया वाहन से मातृछाया सेवा भारती के सदस्य के
साथ घर के लिये रवाना किया। कलेक्टर ने सोमवती के नाना से बच्ची की देखभाल और पोषण का विशेष ध्यान रखने के लिये कहा।
करीब 5 माह पूर्व रविवार 4 सितंबर को यूपी और मध्यप्रदेश की चित्रकूट सीमा पर स्थित सुरंगी टोला की एक बालिका की हड्डियों से चिपकी हुई चमड़ी जैसा गंभीर रूप से कमजोर स्वास्थ्य का वीडियो वायरल हुआ था। कलेक्टर अनुराग वर्मा और महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तत्काल गांव पहुंच कर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसके बाद उसे जिला चिकित्सालय लाकर पूर्ण स्वस्थ होने तक बेहतर देखभाल, इलाज की बदौलत सोमवती 5 माह बाद कुपोषण से मुक्त होकर पूर्ण स्वस्थ हो गई है। कलेक्टर के विशेष प्रयास से सोमवती की आंखों के मोतियाबिंद का सफल के बाहर के नामचीन अस्पताल में ऑपरेशन 21 दिसंबर को एम्स हॉस्पिटल भोपाल डॉक्टरों के संपर्क में रहकर में किया गया था।
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वन विभाग ने नीलगाय के बच्चे का किया रेसक्यू
जाली कूदने पर पैर फंसने से हुआ घायल

सतना। वन विभाग की टीम ने भदनपुर रोड में सरला नगर कालेज के पास नील गाय के डेढ़ साल के बच्चे का गुरूवार को रेसक्यू किया है। मामला गुरूवार सुबह छ बजे का वन परिक्षेत्र मैहर के अंर्तगत बम्हनी बीट कक्ष क्रमांक 555 का है वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार बम्हनी बीट कक्ष क्रमांक 555 में वन विभाग ने विस्तार वानिकी योजना अंर्तगत 2014 में जहां पौधारोपण कराया था, वहा पिछले कुछ समय से दो – तीन नील गायों ने डेरा जमा रखा है। वन अमले को सूचना मिली कि रोड क्रास कर सामने की तरफ जा रहे नीलगाय का शावक जाली कूदने के चक्कर में गिरकर घायल हो गया है। सूचना मिलने पर डिप्टी रेंजर राजेन्द्र तिवारी, बीट गार्ड शिवकुमार वर्मा, अमर सिंह गोंड चौकीदार, बाबूलाल कोल पहुचकर उसे तुरंत मैहर पशु चिकित्सालय ले गए, जहां डा. पीके द्विवेदी ने उसका उपचार किया ।
रेस्क्यू कर बचाए गए नीलगाय के बच्चे का फिलहाल चौकी गार्ड रूम में उपचार जारी हैं।

बंसीपुर के जंगल से भदनपुर आ रही नीलगाय

वन विभाग की माने तो भदनपुर वन क्षेत्र में नील गाय की उपस्थिति नही हैं। ये नील गायें पास के लगे बंसीपुर जंगल से यहां चली आती हैं। उसके दो मुख्य कारण हैं पहला तो वहां घना जंगल होने के चलते उनकी संख्या में अतिशय बढ़ोत्तरी हुई हैं। दूसरा वन क्षेत्र एरिया कम होने के चलते फसल के सीजन में वो इस ओर निकल आते हैं।

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सिन्धी भाषा को प्रोत्साहित करने की मांग

सतना। सेन्ट्रल सिन्धी पंचायत ने सिन्धी भाषा को शासन द्वारा प्रोत्साहित करने की मांग की है। इस संबंध में पंचायत ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपते हुए कहा है कि सिन्धी भाषा को संविधान में शामिल जरूर किया गया है मगर शासन इसे संरक्षण नहीं दे रहा। इस भाषा के लिए कार्य कर रही सांस्कृतिक व शैक्षणिक संस्थाओं को विशेष अनुदान देकर इन संगठनों का प्रोत्साहन देने की मांग उठाते हुए सेन्ट्रल सिंधी पंचायत ने ज्ञापन में बताया है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में सिन्धी साहित्य अकादमी द्धारा सिन्धी भाषा के लिए एक करोड़ आठ लाख रुपए दिए जाते थे, जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाने की जगह घटाकर पैंतिस लाख कर दिया जो हास्यापद व अपमानजनक है। पंचायत ने मांग की है कि घटाई गई बजट की इस राशि को बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए किया जाए। इस अवसर पर मनोहर लाल आरतानी, रुपेश बलेचा, गुरमुख बांगा, किशोर बलेचा, इंद्रलाल कापड़ी, दीपक सुखवानी, अशोक वसानी, गिरधारी लाल सोनी, जितेन्द्र साबनानी, विनोद गेलानी, पवन सोनी, नंदलाल रोहड़ा, गिरधारी लाल वाधवानी, गोपीचंद कापड़ी, मनोहर लाल भोजवानी, घनश्याम दास सोनी, मनोहर डिगवाणी, पृथ्वी आयलानी आदि मौजूद रहे।

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याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना
उठाया था मझगवां में अतिक्रमण का मुद्दा
सतना। एक याचिकाकर्ता को अतिक्रमण के मामले में हाईकोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने यह जुर्माना अवमानना याचिका को अनावश्यक मानते हुए लगाया है। गौरतलब हे कि मझगवां निवासी पीताम्बर प्रसाद गर्ग ने मप्र शासन के विरुद्ध अतिक्रमण के मामले में याचिका क्र. डब्ल्यूपी 2781/2021 लगाई थी। इस मामले में 11 फरवरी 2021 को एक आदेश पारित कर कलेक्टर को निर्देशित किया गया था कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन प्रस्तुत करने पर दो माह में नियमानुसार कार्रवाई करें।
11 फरवरी 2021 के आदेश के पालन न होने पर पिताम्बर द्वारा अवमानना याचिका क्र. 88/2022 दायर की गई। इस दौरान न्यायालय के निर्देश पर शासन की ओर से कार्रवाई प्रचलन में थी, इस मामले में न्यायालय ने पाया कि कलेक्टर द्वारा प्रकरण में निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में दूसरी बार दायर की गई अवमानना याचिका को अनावश्यक माना और 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोक दिया। आरोपित जुर्माने में से याचिकाकर्ता को 12 हजार 5 सौ रुपए कलेक्टर सतना के खाते में तथा 12 हजार 5 सौ रुपए मझगवां निवासी योगेश पांडेय के खाते में जमा करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
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सतना सेंट्रल जेल को मिला आईएसओ

सतना। केन्द्रीय जेल सतना को आईएसओ प्रमाणित किया गया है, सतना के सेंट्रल जेल को पांच श्रेणियों में यह प्रमाण पत्र दिया गया
है। जानकारी के अनुसार जेल को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, व्यवसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, पांच श्रेणियों में दिया गया प्रमाण-पत्र खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली एवं पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए केन्द्रीय जेल को आईएसओ प्रमाण पत्र दिया गया है। जेल कल्याण अधिकारी अनिरुद्ध तिवारी के अनुसार आईएसओ संस्था ने पूर्व में केन्द्रीय कारागार का निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान इन मानकों में सही पाए जाने पर सेंट्रल जेल को आईएसओ से नवाजा गया।
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कैडेट्स ने सीखीं माकड्रिल की बारीकियां

सतना। शुक्रवार को व्यंकट क्रमांक 1 एवं व्यंकट क्र. 2 के एनसीसी कैडेटों को एमपी की बटालियन 3 द्वारा एनसीसी ए सर्टिफिकेट परीक्षा की तैयारी से संबंधित कई टिप्स दिए गए। एमपी बटालियन एनसीसी रीवा के कॉमंडिंग ऑफिसर कर्नल राजेश सिंह के निर्देशा पर पीआई स्टाफ हवलदार मुख्तयार अहमद एवं हवलदार डीएस द्वारा प्रैक्टिकल एवं लिखित परीक्षा से संबंधित तैयारी कराई गई। तैयारी के दौरान माक ड्रिल की बारीकियों के अलावा मैप रीडिंग, 22 राइफल, जजिंग डिस्टेंस से संबंधित अहम जानकारी दी गई। इस दौरान फर्स्ट ऑफिसर एनसीसी अधिकारी राकेश त्रिपाठी एवं थर्ड ऑफिसर शिवचरण साहू के अलावा दोनो विद्यालय के कई कैडेट्स उपस्थित रहे ।

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खाद्यान्न वितरण भगवान भरोसे
जनवरी महीने में भी वितरित नहीं हुआ राशन
सतना। जिले के कोठी कस्बे की सोसाइटी का हाल इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है। जनवरी का महीना निकल गया और हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरित नहीं हुआ। हालात यह है कि कुछ हितग्राहियों को पर्ची निकाल कर दे दी गई है कुछ हितग्राहियों का अंगूठा भी लगवा लिया गया है और कुछ हितग्राहियों के राशन कार्ड भी जमा है परंतु उन हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं मिला। ऐसे में समस्या सबसे ज्यादा उन्हें हैं जो गरीब तबके के हैं उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यक्ति जो शासन की योजनाओं के भरोसे है और अपना जीवन गुजर-बसर कर रहा है उन परिवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पिछले कई महीनों से गेहूं का वितरण हुआ ही नहीं है और विगत 3 महीनों से विवरण के हालात कोठी में अत्यंत दयनीय है। एक तो ऊपर से खाद्यान्न नहीं आ रहा और आ भी रहा है तो वितरित ही नहीं हो रहा पता ही नहीं चल पा रहा की कोठी की सोसाइटी का मालिक कौन है कुल मिलाकर कोठी के सोसाइटी के हाल भगवान भरोसे ही चल रहे हैं।

हित ग्राहियों के ये हैं आरोप:-
जनवरी का महीना निकल गया। खाद्यान्ह का वितरण नहीं किया गया है। पिछले कई महीनों से गेहूं का वितरण नहीं किया गया है। जो सबसे ज्यादा समस्या की वजह है।
राकेश शर्मा
जनवरी महीने का खाद्यान्न नहीं मिला, मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेरी पर्ची भी निकाल दी गई है और अंगूठा भी लगवा लिया गया है।
नीलेंद्र द्विवेदी
कोटी सोसाइटी के हाल बेहाल हैं खाद्यान्न वितरित हो ही नहीं पा रहा गरीबों को काफी परेशानी पड़ रही है क्योंकि बाजार में गेहूं का मूल्य 30 किलो तक जा पहुंचा है जिसकी वजह से जमकर कालाबाजारी हो रही है।

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