वित्तीय समावेश के लिए चौथी जी20 वैश्विक साझेदारी (जीपीएफआई) बैठक 14-16 सितंबर, 2023 तक मुंबई में आयोजित की जा रही है। इसमें तीन साल के एफआईएपी 2020 के शेष कार्यों पर चर्चा शामिल होगी, जो अपने अंतिम वर्ष में है और जिसे जीपीएफआई द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। डिजिटल वित्तीय समावेश और लघु एवं मध्यम उद्यमों से संबंधित विषयों पर चर्चा होगी। बैठक से पहले 14 सितंबर, 2023 को एमएसएमई को मजबूती देने के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई थी। यह आयोजन डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और वित्तीय समावेश पर उप-कार्यक्रमों की श्रृंखला में से एक है, जिसे जीपीएफआई कार्यसमूह के तहत जी20 की भारतीय अध्यक्षता द्वारा आयोजित किया गया है। श्री अजय सेठ, सचिव (आर्थिक कार्य), वित्त मंत्रालय; श्री टी. रबी शंकर, डिप्टी गवर्नर (आरबीआई) और श्री मोहम्मद गौलेद, उपाध्यक्ष (अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम) और डॉ. अर्जुन कुमार कार्की, वैश्विक समन्वयक-एलडीसी वॉच और संयुक्त राज्य अमेरिका में नेपाल के पूर्व राजदूत ने संगोष्ठी को संबोधित किया।

संगोष्ठी में दो प्रमुख विषयों – “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से उच्च आर्थिक विकास के लिए एमएसएमई को मजबूती देना” और “ऋण गारंटी और एसएमई इकोसिस्टम” पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा हुई। डीपीआई के माध्यम से एमएसएमई को मजबूती देने के विषय पर पहली पैनल चर्चा का संचालन एसएमई फाइनेंस फोरम के सीईओ श्री मैथ्यू गमसर ने किया था और पैनल के सदस्य थे – श्री शिवसुब्रमण्यम रमन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), श्री अश्विनी कुमार तिवारी, प्रबंध निदेशक, भारतीय स्टेट बैंक, श्री बी जी महेश, सह-संस्थापक और सीईओ, सहमति, श्री माइकल जोंगनील, सीईओ, एफएमओ; सुश्री जेन प्रोकोप, कार्यकारी उपाध्यक्ष, लघु और मध्यम उद्यम, मास्टरकार्ड। समृद्ध चर्चाओं ने एमएसएमई के वित्तीय समावेश को तेजी से आगे बढ़ाने में डीपीआई की भूमिका पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की।

ऋण गारंटी और एसएमई इकोसिस्टम, विषय पर दूसरे पैनल चर्चा का संचालन क्रेडिट गारंटी कंपनी (सीजीसी), मिस्र की प्रबंध निदेशक सुश्री नागला बह्र द्वारा किया गया था। पैनल सदस्यों में सुश्री कैटरीन स्टर्म, महासचिव, एईसीएम, श्री संदीप वर्मा, सीईओ, सीजीटीएसएमई, श्री होमम हशेम, सीईओ, कफलाह और श्री वूइन पार्क, उप निदेशक, कोडीआईटी शामिल थे।

विश्व बैंक ने जी20 की भारतीय अध्यक्षता के तहत विकसित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए जी20 नीतिगत सिफारिशें भी प्रस्तुत कीं, जिन्हें हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में जी20 नेताओं द्वारा समर्थन दिया गया था।

अगले दो दिनों में, जीपीएफआई सदस्य डिजिटल वित्तीय समावेश के लिए जी20 जीपीएफआई उच्च स्तरीय सिद्धांतों के कार्यान्वयन, राष्ट्रीय धनप्रेषण योजनाओं की अद्यतन जानकारी और एसएमई वित्तपोषण में बाधाओं को दूर करने के लिए एसएमई सर्वोत्तम तौर-तरीके और अभिनव उपकरण के सन्दर्भ में जीपीएफआई के कार्यों पर चर्चा करेंगे। जीपीएफआई बैठक के हिस्से के रूप में 16 सितंबर, 2023 को “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाना: डिजिटल और वित्तीय साक्षरता तथा उपभोक्ता संरक्षण के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना” विषय पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी।

आयोजन-पूर्व एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के आर्थिक सलाहकार श्री चंचल सरकार ने कहा कि यह जीपीएफआई कार्य समूह के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने भारतीय अध्यक्षता के तहत जीपीएफआई द्वारा तैयार किए गए दो महत्वपूर्ण दस्तावेजों का समर्थन किया– पहला, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए जी20 की नीतिगत सिफारिशें और दूसरा, जी20 वित्तीय समावेश कार्य योजना (एफआईएपी) 2023।

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