भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ संगीत माफियाओं और म्यूजिक कंपनियों बड़ी कंपनियां बड़े निर्माता की वजह से आज एक बहुत ही मजबूत है आत्मबल रखने वाली एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे का आत्महत्या का मैटर सामने आया है भोजपुरी इंडस्ट्री के टॉप लेवल पर जो माफिया बैठे हैं उनसे और कुछ उम्मीद नहीं लगाई जा सकती सिर्फ नीचे की जो कलाकार है उनको तकलीफ देना कम बजट में काम करना ..नाम ना देना और उनको परेशान करना यही भोजपुरी इंडस्ट्री की माफियाओं में सिर्फ अपने आप को बढ़ाना चाहते हैं अपने आप को आगे निकलना चाहते हैं लोगों को मार के.. इन माफिया लोगों के चक्कर में निर्माता बर्बाद हो रहा है नया कलाकार बर्बाद हो रहा है नए कलाकारों को एग्रीमेंट में बांधकर कम बजट में काम करा लेना इनकी पॉलिसी हो गई है और सारे हथकंडे अपनाते हैं एग्रीमेंट के दौरान ताकि पूरे एग्रीमेंट तक को कलाकार उनके यहां फसा रहे किसी और जगह काम ना करें और ना हो तरक्की करें इसीलिए भोजपुरी इंडस्ट्री नीचे गर्त में चली जा रही है केवल खर्ची दिखावा करने से भोजपुरी इंडस्ट्री नहीं चलने वाली है.. हाथी के दांत दिखाने के और है खाने के और है यह भोजपुरी इंडस्ट्री ऐसी है ना जो दिखता है वैसा है नहीं अगर. इस मैटर का जांच अगर अच्छे लेबल पर हो तो बहुत सारे गेम बहुत सारे माफियाओं का नाम उजागर हो सकता है… यह तो नामी-गिरामी अभिनेत्री थी ना जाने कितने पैसे फिल्म कलाकार जो संघर्ष करने के लिए गए थे और लड़कियां लड़के जो संघर्ष करते करते थक जाते हैं और लोगों के जाल में फंस जाते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं बहुत लोग वापस चले जाते हैं गांव बहुत लोग नौकरी करने लगते हैं बहुत लोग बिजनेस करने लगते हैं फिल्म लाइन का चक्कर ही छोड़ देते हैं लेकिन कुछ लोग बहुत ही पागल होते हैं दृढ़ संकल्प वाले होते हैं इंडस्ट्री में रुकते हैं और अपना मुकाम 10 से 15 सालों में बना ही लेते है इन माफियाओं का ग्रुप वालों का बस चले तो कोई नया कलाकार नया निर्देशक नया कोई भी व्यक्ति इस इंडस्ट्री में ना आने पाए ऐसे हैं.

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