केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से केसीसी घर-घर अभियान, किसान ऋण पोर्टल और विंड्स मैनुअल का अनावरण किया श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घर-घर केसीसी अभियान की सफलता के लिए बैंकों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया वित्त मंत्री ने चावल और गेहूं की फसल के उत्पादन के लिए वास्तविक समय अनुमान की सराहना की और अनुमान को दलहन व तिलहन फसलों तक बढ़ाने का आह्वान किया कृषि के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और इस सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं: श्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि मंत्री ने बल देकर कहा कि यह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र ही था जिसने कोरोना महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को बनाए रखा केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन और केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में कृषि-ऋण (केसीसी और एमआईएसएस) और फसल बीमा (पीएमएफबीवाई आरडब्ल्यूबीसीआईएस) पर केंद्रित पहल का अनावरण किया कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन पहलें शुरू कीं, किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS) पर मैनुअल, केसीसी घर-घर अभियान, एक महत्वाकांक्षी अभियान जिसका लक्ष्य देश भर के प्रत्येक किसान तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का लाभ पहुंचाना है इन पहलों का उद्देश्य कृषि में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ाना, डेटा उपयोग को अनुकूलित करना और देशभर में किसानों के जीवन में सुधार करना है। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती निर्मला सीतारामन ने घर-घर केसीसी अभियान की सफलता के लिए बैंकों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों को आसान अल्पकालिक ऋण सुनिश्चित करने और इस योजना से जुड़ने के लिए केसीसी योजना के तहत पर्याप्त धन आवंटित किया है। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की पहल और सफल कार्यान्वयन के लिए कृषि मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब तक किसानों को 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रीमियम राशि के मुकाबले 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने चावल और गेहूं की फसल के उत्पादन के वास्तविक समय के अनुमान की भी सराहना की और इस अनुमान को दलहन और तिलहन की फसलों तक बढ़ाने का आह्वान किया ताकि जरूरत पड़ने पर उनके आयात के लिए बेहतर योजना बनाई जा सके।वित्त मंत्री ने कहा कि फसलों के वास्तविक समय आकलन से अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और फसल सीजन के अंत में किसानों के लिए सही कीमतें सुनिश्चित होंगी। श्रीमती सीतारामन ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के पूर्ण स्वचालन का भी आह्वान किया और वित्तीय सेवा विभाग को इन बैंकों के लिए ऋण मंजूरी और ऋण वितरण के बीच अंतर का अध्ययन करने का निर्देश दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में वर्तमान सरकार द्वारा कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दिए गए महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय का बजट वर्ष 2013-14 में 23,000 करोड़ रु. से बढ़कर 2023-24 में 1,25,000 करोड़ रुपये हो गया है। WINDS मैनुअल के बारे में बात करते हुए श्री तोमर ने कहा कि इसका उद्देश्य वास्तविक समय की मौसम की जानकारी सुनिश्चित करना है ताकि किसान सही समय पर अपनी फसलों के लिए सावधानी बरत सकें। श्री तोमर ने कहा कि कृषि के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और इस सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लगभग 9 करोड़ लाभार्थी हैं और केसीसी घर-घर अभियान का उद्देश्य लगभग 1.5 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ना है जो अभी तक केसीसी योजना से नहीं जुड़े हैं। श्री तोमर ने कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों को लगभग 2 करोड़ केसीसी प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय और बैंकों को धन्यवाद दिया। श्री तोमर ने जोर देकर कहा कि यह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र ही था जिसने कोरोना महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को चालू रखा। JS (क्रेडिट) और सीईओ-पीएमएफबीवाई, श्री रितेश चौहान ने पहल पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि तकनीकी हस्तक्षेपों के कारण इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में रिकॉर्ड नामांकन हुआ है। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और सुश्री शोभा करंदलाजे, कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, डीएफएस सचिव श्री विवेक जोशी, ओएसडी (क्रेडिट) श्री अजीत कुमार साहू, सीईओ-पीएमएफबीवाई श्री रितेश चौहान, नाबार्ड के अध्यक्ष श्री. शाजी केवी सहित संबद्ध विभागों व कृषि क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह लॉन्च इवेंट भारत सरकार के कृषि के लिए नवाचार और कुशल सेवा वितरण के प्रति समर्पण का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय को बनाए रखना और दोगुना करना है। किसान रिन पोर्टल (KRP), घर-घर के सी सी अभियान और विंड्स मैनुअल जैसी पहल किसानों की समृद्धि, नवाचार, प्रौद्योगिकी के उपयोग और वस्तुनिष्ठ सेवा वितरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये प्रयास पूरे देश में कृषक समुदाय के लिए कृषि परिवर्तन और सतत आर्थिक विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे। बैकग्राउण्ड: किसान ऋण पोर्टल (केआरपी) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग (DFS), पशुपालन और डेयरी विभाग (DAH&D), मत्स्य विभाग (DoF), RBI और नाबार्ड द्वारा सहयोगपूर्वक विकसित, KRP किसान क्रेडिट कार्ड (के सी सी ) के तहत ऋण सेवाओं तक पहुंच में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह किसानों को संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एम.आयी.एस.एस ) के माध्यम से रियायती कृषि ऋण प्राप्त करने में भी सहायता करेगा। कृषि ऋण पोर्टल (KRP) एक एकीकृत केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो किसान डेटा, ऋण वितरण की विशिष्टताओं, ब्याज अनुदान के दावों और योजना उपयोग की प्रगति का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। बैंकों के साथ सहज एकीकरण को बढ़ावा देकर, यह अग्रणी पोर्टल सक्रिय नीति हस्तक्षेप, रणनीतिक मार्गदर्शन और अधिक केंद्रित और कुशल कृषि ऋण और ब्याज अनुदान के इष्टतम उपयोग के लिए अनुकूलनीय संवर्द्धन को सक्षम बनाता है। घर-घर केसीसी अभियान यह कार्यक्रम “घर-घर के सी सी अभियान” की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा। यह अभियान सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक किसान के पास बिना किसी बाधा के क्रेडिट सुविधाओं तक पहुंच हो जो उनकी कृषि गतिविधियों को चलाती है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने मौजूदा के सी सी खाताधारकों के डेटा को पी एम किसान डेटाबेस के साथ सावधानीपूर्वक सत्यापित किया है, उन खाताधारकों की पहचान की है जो पी एम किसान डेटाबेस से मेल खाते हैं और जो पी एम किसान लाभार्थी होने के बावजूद के सी सी खाते नहीं रखते हैं। यह अभियान गैर-के सी सी खाताधारक पी एम किसान लाभार्थियों तक पहुंचने और पात्र पी एम किसान लाभार्थी किसानों के बीच के सी सी खातों की संतृप्ति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विंड्स मैनुअल का शुभारंभ मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स ) पहल तालुक/ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और वर्षामापी का नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक अग्रणी प्रयास है। यह पहल मौसम डेटा का एक मजबूत डेटाबेस बनाता है, जो विभिन्न कृषि सेवाओं का समर्थन करता है। आज लॉन्च किया गया यह व्यापक विंड्स मैनुअल हितधारकों को पोर्टल की कार्यक्षमताओं, डेटा व्याख्या और प्रभावी उपयोग की गहन समझ प्रदान करता है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विंड्स प्लेटफॉर्म के साथ स्थापित करने और एकीकृत करने में मार्गदर्शन करता है, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ डेटा अवलोकन और संचरण को बढ़ावा देता है। यह बेहतर फसल प्रबंधन, संसाधन आवंटन और जोखिम शमन के लिए मौसम डेटा का लाभ उठाने के लिए व्यावहारिक अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है। Post navigation स्वस्थ बहस पुष्पित-पल्लवित लोकतंत्र की पहचान: उपराष्ट्रपति जनरल एस एफ रोड्रिग्स स्मारक व्याख्यान का हुआ आयोजन