कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव ने सभी राज्यों से विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन को कार्यान्वित करने का अनुरोध किया प्रधानमंत्री द्वारा देश में सामाजिक लाभ को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी को अधिकतम करने के दृष्टिकोण के अनुरूप कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) के सचिव श्री मनोज आहूजा ने आज जीसीईएस (सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण) के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। यह परिवर्तनकारी वेब पोर्टल तथा मोबाइल एप्लिकेशन पूरे देश में कृषि कार्य प्रणालियों में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के उद्देश्य के साथ विकसित किया गया है। श्री आहूजा ने कृषि में वास्तविक समय अनुमान और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि सत्यता पर आधारित तथा विश्वसनीय परिणाम प्राप्त करने के लिए डेटा की सटीकता एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है और इसीलिए डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डेटा प्रदाताओं की भी है। सचिव श्री मनोज आहूजा ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी राज्यों से विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन को कार्यान्वित करने का अनुरोध किया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री प्रमोद कुमार मेहरदा ने कृषि से जुड़े हुए विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकियों के सफल संयोजन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राज्यों से बेहतर परिणाम प्राप्त करने और विश्वसनीय अनुमान जानने के लिए जीसीईएस वेब पोर्टल तथा मोबाइल एप्लिकेशन को पूर्ण रूप से अपनाने का आग्रह किया। वरिष्ठ आर्थिक व सांख्यिकी सलाहकार श्री अरुण कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव का गर्मजोशी से स्वागत किया और वहां उपस्थित लोगों को डेटा सटीकता बढ़ाने तथा कृषि क्षेत्र में डिजिटल डेटा प्रशासन में सुधार के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित की जा रही प्रमुख गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण पहल, फसल की पैदावार की अधिक सटीक व वास्तविक समय निगरानी सुविधा प्रदान करके कृषि के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की सलाहकार सुश्री रुचिका गुप्ता ने इस वेब पोर्टल और जीसीईएस के मोबाइल एप्लिकेशन की मुख्य विशेषताओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि वेब पोर्टल और जीसीईएस के मोबाइल एप्लिकेशन को विकास के क्रम में सरकारी कार्यों की पहुंच, दायरे और परिणाम को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के उद्देश्य के साथ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा विकसित किया गया है। रुचिका गुप्ता ने कहा कि जीसीईएस प्रक्रिया के स्वचालन से फसल के आंकड़ों का समय पर सूचना प्रबंधन और डेटा की सटीकता सुनिश्चित होगी। उन्होंने विभिन्न राज्यों में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन कार्यक्रम आयोजित करने में शामिल एजेंसियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की, जिनमें राजस्व विभाग, कृषि विभाग और आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय शामिल हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अपर सांख्यिकीय सलाहकार सुश्री सोनिया शर्मा ने वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके जीसीईएस के संशोधित प्रक्रिया प्रवाह को प्रस्तुत किया, जो वर्तमान में प्रायोगिक चरण में हैं। इन दोनों के लिए प्रायोगिक तौर पर 12 राज्यों में योजना बनाई गई है और अक्टूबर 2023 के तीसरे सप्ताह तक इन्हें लागू कर दिया जाएगा। जीसीईएस वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा समाधान पाने वाली प्रमुख चुनौतियां: 1. सूचना प्रबंधन में विलंब- अब तक डेटा संग्रह, संकलन और उपज का आकलन करना पूरी तरह से हस्तचालित कार्य रहा है, जिसके कारण राज्यों को सूचना प्रबंधन करने में विलंब होता है। अब नई प्रक्रिया में, जीपीएस से सक्षम मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके क्षेत्रीय डेटा एकत्र किया जाएगा और उसे सर्वर में संग्रहीत किया जाएगा, जिससे फसल आंकड़ों की समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित हो जाएगी। 2. पारदर्शिता- जीपीएस से लैस डिवाइस डेटा संग्रह बिंदुओं के लिए सटीक अक्षांश एवं देशांतर निर्देशांक प्रदान करते हैं। इससे यह जानकारी सुनिश्चित हो जाती है कि डेटा विशिष्ट भौगोलिक स्थानों से संबंधित है और यह भी पता चलता है कि डेटा को कहां पर एकत्र किया गया था, इसके बारे में अस्पष्टता या हेरफेर के लिए कोई स्थान शेष बचता ही नहीं है। जीसीईएस वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन की मुख्य विशेषताएं: 1. विस्तृत जानकारी- पोर्टल एवं ऐप गांव-गांव के आधार पर जीसीईएस योजना तथा भूखंड विवरण सहित उपज अनुमान का एक विस्तृत संग्रह उपलब्ध कराते हैं, विशेषकर जहां पर फसल कटाई के लिए प्रायोगिक परीक्षण किए जाते हैं, कटाई के तुरंत बाद फसल का भार और फिर फसल का सूखा वजन देखा जाता है। 2. भूमि-संदर्भ- भूमि-संदर्भ इस मोबाइल एप्लिकेशन की प्रमुख विशेषताओं में से एक है, जो प्राथमिक उपयोगकर्ता को प्रायोगिक भूखंड की सीमा खींचने और इसके माध्यम से भूमि के टुकड़े के साथ-साथ फसलों की तस्वीरें अपलोड करने में सक्षम बनाता है। यह सुविधा डेटा की पारदर्शिता एवं सटीकता को भी सुनिश्चित करेगी। Post navigation राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी का किया उद्घाटन भारतीय नौसेना पोत सह्याद्री ने प्रथम भारत-इंडोनेशिया-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास में भाग लिया