केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आज संविधान दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया। यह अवसर 26 नवंबर, 1949 को भारत के संविधान को अपनाने के साथ-साथ संविधान के संस्थापकों के योगदान को सम्मान देने और उनके कार्यों को मान्यता देने के लिए पूरे देश में मनाया जाता है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने नई दिल्ली स्थित जनजातीय कार्य मंत्रालय में प्रस्तावना वाचन समारोह का नेतृत्व किया। इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव श्रीमती आर जया और संयुक्त सचिव श्री बृजनंदन प्रसाद सहित मंत्रालय के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के क्षेत्रीय कार्यालयों व भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (ट्राइफेड) के क्षेत्रीय कार्यालयों में भी प्रस्तावना वाचन आयोजित किया गया। वहीं, एक अन्य समारोह के तहत नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) ने जनजातीय गौरव उत्सव (15-26 नवंबर, 2023) के समापन के एक हिस्से के रूप में संविधान दिवस कार्यक्रम की मेजबानी की। एनटीआरआई की विशेष निदेशक प्रोफेसर नूपुर तिवारी ने सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने आगे अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए संवैधानिक सुरक्षा पर चर्चा की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने अपने प्रमुख भाषण में जनजातीय शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आजीविका से जुड़े मुद्दों को रेखांकित किया। उन्होंने इन समुदायों के समग्र कल्याण के लिए व्यापक आदिवासी जुड़ाव की महत्ता दिया और आगामी पहलों को महत्वपूर्ण बताया। इस आयोजन को मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती आर जया ने अपने संबोधन से और अधिक समृद्ध किया। उन्होंने अनुसूचित जनजातियों के लिए संविधान के प्रावधानों की प्रासंगिकता का उल्लेख किया और इस बात को रेखांकित किया कि संविधान दिवस पर जनजातीय गौरव उत्सव का समापन क्यों हुआ। मुख्य कार्यक्रम के तहत संवैधानिक सुरक्षा उपायों पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। इसमें प्रोफेसर हेमा एक्का, श्री मदन गोंड और अधिवक्ता बिंदु अम्मिनी शामिल हुए। इस चर्चा में हर एक जानकार ने विशेषज्ञता के अपने संबंधित क्षेत्रों से जनजातीय विकास में अपनी अंतर्दृष्टि को साझा किया। Post navigation ‘PRSI राष्ट्रीय पुरस्कार 2023’ का द्वितीय पुरस्कार NHPC को प्रदान किया पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे, नरेंद्र मोदी इस शताब्दी के युग पुरुष हैं- उपराष्ट्रपति