केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कई राज्यों में हाई-टेंशन बिजली खंबों/तारों के गिरने की कुछ घटनाओं के सामने आने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों के समन्वय में हाई-टेंशन बिजली खंबों/तारों की मजबूती की नियमित जांच के लिये उठाये गये कदमों के बारे में ताजा ब्यौरे की जानकारी दी। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुसार बिजली वितरण कार्य एक लाइसेंस के तहत की जाने वाली गतिविधि है, यह उस वितरण लाइसेंस धारक का कर्तव्य बनता है कि वह अपने आपूर्ति क्षेत्र में एक दक्ष, सुरक्षित और आर्थिक लिहाज से व्यवहार्य वितरण प्रणाली विकसित और उसका रखरखाव करे। ऐसे में यह वितरण सेवा प्रदाता की जवाबदेही बनती है कि वह अपने परिचालन क्षेत्र में गुणवत्ता परख और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति बनाये रखने के लिये हाईटेंशन/लोटेंशन लाइनों के पोल/तारों की मजबूती की जांच सहित वितरण प्रणाली के उन्नयन और रखरखाव के जरूरी उपाय करे। सीईए (विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय) नियमन 2023 में बिजली घरों, उप-बिजली घरों, पारेषण और वितरण लाइनों के निर्माण, परिचालन और रखरखाव से संबंधित सुरक्षा उपायों के बारे में स्पष्ट तौर पर बताया गया है। इसमें विद्युत प्रतिष्ठानों, हाई टेंशन बिजली तारों और अन्य के बारे में सुरक्षा उपायों को बताया गया है। ये नियमन सभी बिजली संबंधी प्रतिष्ठानों पर लागू होते हैं जिनमें विद्युत संयंत्र, बिजली लाइनें और बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण, व्यापार, आपूर्ति और खपत गतिविधियों से जुड़ी इकाइयां अथवा व्यक्ति सभी शामिल हैं। सीईए (बिजली संयंत्रों और बिजली लाइनों के निर्माण के लिये तकनीकी मानक) नियमन 2022, में आपदा आशंका/तटीय क्षेत्रों में पोल/तारों की मजबूती के लिये प्रावधान दिये गये हैं। 1. तटीय क्षेत्रों में उच्च मजबूती वाले खंबों जैसे कि रेल पोल अथवा स्पन मजबूत खंबों अथवा भूमिगत केबल का इस्तेमाल किया जाना चाहिये। 2. तटीय क्षेत्रों में खंबों को जगं से बचाने के लिये बिना आवरण वाले कंडक्टर पर प्राथमिकता के साथ उपयुक्त विद्युत रोधक पेंट लगाया जाना चाहिये। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने मई 2021 में ‘‘तटीय क्षेत्रों में चक्रवात के समक्ष लोचदार मजबूत बिजली पारेषण और वितरण अवसंरचना पर कार्य बल की रिपोर्ट तैयार की थी’’ जिसे विद्युत मंत्रालय द्वारा जून 2021 में सभी राज्यों को वितरित कर दिया गया था ताकि वह रिपोर्ट में दिये गये उपायों को करते हुये चक्रवात अथवा बवंडर से पड़ने वाले प्रभाव को कम से कम कर सकें। यह जानकारी केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह द्वारा राज्य सभा में 5 दिसंबर 2023 को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई। Post navigation 17 करोड़ 50 लाख डॉलर के ऋण पर, MP में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए किए हस्ताक्षर राष्ट्रपति ने IIM लखनऊ राष्ट्रीय लीडरशीप पुरस्कार प्रदान किए