घरेलू हिंसालिंग न्याय और किशोर न्याय से संबंधित कानूनो एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पोक्सो अधिनियम एवं पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट,  पर विधिक जागरूकता शिविर

             उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ कि कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव की माननीय जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष/जिला जज श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, महोदया के दिशा निर्देश में आज दिनांक 12.02.2024 को  प्राइमरी विद्यालय सिन्धुपुर उन्नाव में घरेलू हिंसा, लिंग न्याय और किषोर न्याय से संबंधित कानूनो एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पोक्सो अधिनियम एवं पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट,  प्रसार-प्रचार के संबंध में जागरूक करने के लिए विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव के श्री मनीष निगम,  अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव द्वारा सम्पन्न किया गया।

उक्त कार्यक्रम में सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढाओ भारत सरकार द्वारा महिला बच्चों के खिलाफ चल रहे भेदभाव को दूर करने, बालिकाओं की स्थिति में सुधार और समाज में व्याप्त लिंग असंतुलन को दूर करने के लिए शुरू की गई एक सामाजिक योजना है। इस योजना को देश में खराब महिला अनुपात को ध्यान में रखते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को बचाना, उन्हें उचित शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना, व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में उनकी सहायता करना है|इसके अतिरिक्त घरेलू हिंसा एवं पॉस्को एक्ट पर अपने विचार व्यक्त किया|

    कन्या भ्रूण हत्या के बारे में बताते हुए सचिव महोदय ने कहा कि आमतौर पर यह कृत्य मानवता और विशेष रूप से समूची स्त्री जाति के विरुद्ध सबसे जघन्य अपराध है। पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत लिंग चयन या लिंग का पूर्ण निर्धारण की सेवा देने वाले विज्ञापनों का प्रकाशन, गर्भाधान-पूर्व या जन्म-पूर्व परीक्षण तकनीकों वाले क्लीनिकों का पंजीकृत नहीं होना या क्लीनिक या संसथान के भीतर सबको दिखाई देने वाले पंजीकरण प्रमाणपत्र को प्रदर्शित नहीं करना, अजन्मे बच्चे का लिंग का निर्धारण करना , गर्भवती को लिंग निर्धारण परीक्षण के लिए मजबूर करना, लिंग चयन की प्रक्रिया में सहयोग या सुविधा प्रदान करना, चिकित्सक द्वारा गर्भवती या अन्य व्यक्ति को अजन्मे बच्चे के लिंग के बारे में किसी भी तरह सूचित करना, पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत क्लीनिकों द्वारा अभिलेखों को भली-भांति सहेज कर नहीं रखना एक गंभीर अपराध है| इसके अतिरिक्त उन्होने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डालते हुये सचिव महोदय ने बताया कि प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य कोई भी व्यक्ति पैसे के अभाव में न्याय पाने से वंचित न रह जाये तथा  आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत- 09.03.2024 के विषय में जानकारी प्रदान की एवं जनमानस से अधिक से अधिक अपने वाद निस्तारण की अपील की|

   उक्त कार्यक्रम में नायाब तहसीलदार पीयूष भार्गव द्वारा महिलाओं से सम्बन्धित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया| इसके अतिरिक्त घरेलू हिंसा एवं पॉस्को एक्ट पर अपने विचार व्यक्त किया|

   प्रज्ञा शुक्ला अध्यापिका  ने लड़कियों के प्रति भेदभाव के बारे में बताते हुए कहा कि लड़का लड़की में भेदभाव नहीं करना चाहिए | लड़कियों को भी लड़कों की तरह समान अवसर मिलना चाहिए तथा नारी शक्ति पर अपने विचार व्यक्त किये|

इसके अतिरिक्त उक्त कार्यक्रम में लेखपाल चन्दन गुप्ता, दीपेन्द्र तिवारी लेखपाल, ग्राम प्रधान सुक्खिलाल, रचना गौतम, प्रीती त्रिपाठी अध्यापक, रामचन्द्र जनसाहस एन.जी.ओ. शिवबिहारी बाजपाई, राहुल श्रीवास्तव एवं बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चियाँ उपस्थित रहें | कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्या/इंचार्ज सीमा सिंह ने किया तथा वहाँ उपस्थित आये व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया

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