“एक पहल अपने लिए, धरती माँ के लिए आओ मिलकर पौधा लगाएं, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें”

पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल करते हुए उन्नाव जनपद के नवाबगंज ब्लॉक सभागार में आज एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक संस्था “कुटीवीर बाबा सेवा संस्थान, असोहा (उ.प्र.)” द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य प्रकृति संरक्षण के साथ-साथ समाज में पर्यावरणीय चेतना का प्रसार करना था। इस सार्थक आयोजन की गरिमा उस समय और बढ़ गई जब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्या ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सहभागिता की। उनके साथ क्षेत्रीय ब्लॉक प्रमुख रवी प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे, जिन्होंने सामूहिक वृक्षारोपण के माध्यम से सामाजिक दायित्व निर्वहन की मिसाल पेश की।

महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर डॉ. मौर्या का स्पष्ट संदेश

डॉ. प्रियंका मौर्या ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य जागरूकता, पोषण सुरक्षा और शिक्षा जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि “देश की प्रगति तब तक अधूरी है जब तक उसकी आधी आबादी यानी महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर नहीं बन जातीं। महिला आयोग केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि एक संकल्प है – हर उस महिला तक पहुँचने का, जिसे उसके अधिकारों, सम्मान और अवसरों से अब तक वंचित रखा गया।” उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं आज तेजी से जागरूक हो रही हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आयोग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. मौर्या ने मासिक धर्म स्वच्छता, डिजिटल साक्षरता, साइबर अपराधों से सुरक्षा, महिला सुरक्षा कानूनों की जानकारी, और सरकारी योजनाओं की समुचित पहुँच जैसे अहम विषयों पर जनजागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि महिला आयोग न केवल समस्याओं का समाधान कर रहा है, बल्कि निवारक दृष्टिकोण से व्यापक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित कर रहा है। उनका यह स्पष्ट और प्रेरणादायक वक्तव्य उपस्थित जनसमूह को भीतर तक छू गया, विशेषकर वहाँ उपस्थित महिलाओं और युवतियों के लिए यह भाषण आत्मबल और प्रेरणा का स्रोत बना।

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी महीनों में राज्य के विभिन्न जनपदों में महिला आयोग द्वारा “महिला जागरूकता शिविर”, “हेल्थ एंड हाइजीन कैम्प”, तथा “कानूनी सहायता कार्यशालाएं” आयोजित की जाएंगी। इन शिविरों का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाना, तथा उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करना होगा।

इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी प्रभावी रूप से सामने आया कि पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण—दोनों ही आधुनिक समाज के निर्माण की अनिवार्य नींव हैं। इस प्रकार का आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक सार्थक और प्रेरक प्रयास है, जिसकी सराहना हर स्तर पर की जानी चाहिए।

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