शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने एडसिल के सहयोग से आज एआईसीटीई सभागार, नई दिल्ली में एक स्टडी इन इंडिया (एसआईआई) कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, एफआरआरओ, विदेश में भारतीय मिशनों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई) के अनुपालन अधिकारियों के सभी हितधारकों को एसआईआई पोर्टल की कार्यप्रणाली और इसे चलाने में उनकी विशिष्ट भूमिकाओं से परिचित कराना था। उच्च शिक्षा प्रयासों के अंतर्राष्ट्रीयकरण के क्रम में पोर्टल को तीन अगस्त 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान तथा केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था। कार्यक्रम में, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री के. संजय मूर्ति ने कहा कि गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से भारत में अध्ययन करने के इच्छुक किसी भी छात्र के लिए नियामक कार्यों की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सामंजस्यपूर्ण और समन्वित कार्रवाई के संबंध में एसआईआई कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि इस अमृत काल में, हमारा लक्ष्य दुनिया भर से कम से कम 10 मिलियन छात्रों को प्रवेश देना है और हमारे संस्थानों को इसे सुनिश्चित करने के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता है। आईआईटी कानपुर के निदेशक, श्री अभय करंदीकर ने इसमें शामिल मंत्रालयों के प्रयासों और नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह विशिष्ट पहल उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करेगी और शिक्षार्थियों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए एनईटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि छात्र भारत के वैश्विक राजदूत बनेंगे और देश को उच्च शिक्षा में अनुसंधान के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में पेश करेंगे। इस कार्यक्रम में लगभग 500 अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें एफआरआरओ और गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, विदेश में भारतीय मिशनों के अन्य अधिकारी और भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली होने के नाते भारत ने विश्व स्तर पर कुछ सबसे प्रतिभाशाली मेधाओं को तैयार किया है। एसआईआई कार्यक्रम का लक्ष्य सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को पसंदीदा अध्ययन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। यह 500 से अधिक प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंच प्रदान करता है, जिसमें स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी), डॉक्टरेट और अन्य अल्पकालिक कार्यक्रमों में 100,000 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें 2,600 से अधिक पाठ्यक्रमों का चयन शामिल है। यह पहल उच्च शिक्षा की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। ‘स्टडी इन इंडिया’ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में फिर से स्थापित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। वेबसाइट-पोर्टल पंजीकरण, वीज़ा अनुमोदन के लिए एकल खिड़की प्रणाली के रूप में कार्य करता है, जिससे पूरी प्रक्रिया सरल हो जाती है। इसके अलावा, यह पोर्टल छात्रों को इच्छित पाठ्यक्रम चुनने, संस्थान के प्रस्ताव पत्र प्राप्त करने और भारत में अपने शैक्षणिक सपनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम बनाता है। Post navigation पद्म पुरस्कार-2024 : 15 सितंबर तक नामांकन आमंत्रित संस्कृति मंत्रालय ने स्वच्छता अभियान चलाया