MANCHESTER, ENGLAND - APRIL 21: A Hyundai Ioniq battery electric vehicle (BEV) charges at a Motor Fuel Group (MFG) EV Power forecourt on April 21, 2022 in Manchester, England. According to a report from the Society of Motor Manufacturers And Traders, there were more new electric car registrations in the UK in March 2022 than all of 2019. However, overall car sales slumped amid rising fuel prices and the car industry's supply chain problems. (Photo by Christopher Furlong/Getty Images)

भारी उद्योग मंत्रालय ने 6862 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी; एसटीयू को 3487 ई-बसें पहले ही आपूर्ति की जा चुकी हैं

भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण चरण II (फेम इंडिया चरण II) योजना कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ तैयार की थी। यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करने पर केंद्रित है, और इसका लक्ष्य मांग प्रोत्साहन के माध्यम से 7090 ई-बसों, 5 लाख ई-3 व्हीलर, 55000 ई-4 व्हीलर यात्री कारों और 10 लाख ई-2 व्हीलर का समर्थन करना है। इसके अलावा, योजना के तहत चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के निर्माण का भी समर्थन किया जाता है।

फेम इंडिया योजना के चरण- II के तहत, 01.12.2023 तक 11,53,079 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,228.00 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। (http://fame2.heavyindustries.gov.in/dashboard.aspx के अनुसार)

 

श्रेणी-वार बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों का विवरण इस प्रकार है:

क्र.सं. व्हीलर/गाड़ी प्रकार वाहन की कुल संख्या
1. व्हीलर 10,16,887
2. व्हीलर 1,21,374
3. व्हीलर 14,818
कुल 11,53,079

 

इसके अलावा, भारी उद्योग मंत्रालय ने शहरों के बीच संचालन के लिए विभिन्न शहरों/एसटीयू/राज्य सरकार के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसें स्वीकृत कीं। 29 नवंबर, 2023 तक 6862 ई-बसों में से 3487 ई-बसों की आपूर्ति एसटीयू को कर दी गई है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) की तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये भी मंजूर किए हैं।

फेम-इंडिया योजना चरण- II के तहत, ईवी निर्माताओं को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। व्यापक रूप से अपनाए जाने को सक्षम करने के लिए उपभोक्ताओं (खरीदारों/अंतिम उपयोगकर्ताओं) को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की अग्रिम कम खरीद मूल्य के रूप में प्रोत्साहन/रियायत प्रदान की जाती है, जिसकी प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा ओईएम (ईवी निर्माताओं) को की जाएगी। वर्तमान में, योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए 29.11.2023 तक कुल 62 ओईएम पंजीकृत किए गए हैं। 15.11.2023 तक पोर्टल पर प्रस्तुत कुल दावे 5,094 करोड़ रुपये के हैं, जिनमें से अब तक 3,815 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

फेम इंडिया योजना चरण- II के तहत, उन्नत रसायन विज्ञान सेलों की विनिर्माण क्षमता के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा, सरकार ने 12 मई, 2021 को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 50 गीगावॉट की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज’ के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इसके अतिरिक्त, 5 गीगावॉट विशिष्ट एसीसी प्रौद्योगिकियों को भी इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।

निगरानी तंत्र में अनुपालन तैयार करना और फेम दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षण एजेंसियों के माध्यम से वाहनों का परीक्षण करवाना शामिल है, जिसमें चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम को अपनाना और मांग प्रोत्साहन प्राप्त करने की शर्तें शामिल हैं। इसके अलावा, योजना की समग्र निगरानी, ​​मंजूरी और कार्यान्वयन के लिए सचिव (भारी उद्योग) की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी अधिकार प्राप्त समिति “परियोजना कार्यान्वयन और मंजूरी समिति (पीआईएससी)” का गठन किया गया है।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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