‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ के माध्यम से महिला लाभार्थियों ने साझा की प्रभावशाली कहानियां’

भारत सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं/पहलों को लागू करने में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। मिशन पोषण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी प्रमुख योजनाएं देश भर में महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को मजबूत करने के लिए सरकार के समर्पण को रेखांकित करती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर, 2023 को खूंटी, झारखंड से जनजातीय गौरव दिवस के शुभ अवसर पर शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा समावेशिता और व्यापक प्रभाव पर जोर देते हुए यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है कि इन योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं तक पहुंचे।

यात्रा के लिए विशेष रूप से सुसज्जित आईईसी वैन स्थानीय भाषाओं में जानकारी से सजी हैं, जो महिलाओं के बीच गरिमा, आत्मविश्वास और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में योगदान दे रही हैं, जो सामाजिक प्रगति के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

यात्रा के दौरान, विभिन्न योजनाओं के लिए पात्र लाभार्थियों का नामांकन करने के लिए एक अभिनव “ऑन-स्पॉट पंजीकरण” अभियान चलाया जा रहा है। इस सक्रिय दृष्टिकोण का उद्देश्य लोगों को उपलब्ध योजनाओं के स्पेक्ट्रम और उनसे जुड़े लाभों के बारे में शिक्षित करना है, पात्र व्यक्तियों को प्रासंगिक कार्यक्रमों में भाग लेने और उनका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

सरकार इन यात्राओं के दौरान ‘स्वस्थ बालक स्पर्धा (एसबीएस)’ का भी आयोजन कर रही है। इस पहल के अंतर्गत स्वस्थ बच्चों की पहचान कर उन्हें सम्मानित किया जाता है, जिसका उद्देश्य पोषण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण पर जोर देकर सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ाना है।

विकसित भारत संकल्प यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू “मेरी कहानी मेरी जुबानी (एमकेएमजेड)” पहल है, जहां लाभार्थी अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हैं, उनके जीवन पर सरकारी योजनाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर देते हैं। आइए इनमें से कुछ कहानियों पर नजर डालें:

पोषण अभियान की लाभार्थी कर्मा देचिन ने अरुणाचल प्रदेश के जोबरंग और रिंगयांग ग्राम पंचायत में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान “मेरी कहानी मेरी जुबानी” के माध्यम से अपनी कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हर महीने आकर उन्हें बच्चों को स्तनपान कराने के महत्व के बारे में बताती हैं, उनकी वृद्धि को मापती हैं और उन्हें राशन भी उपलब्ध कराती हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की लाभार्थी पंजाब के पठानकोट के कोट भट्टियां गांव की श्रीमती इंदु ने इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि यह उनकी पहली गर्भावस्था थी और उनको वित्तीय सहायता मिली जिसके लिए वह भारत सरकार की आभारी हैं।

इसके अलावा, महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के अंबेजावलगे गांव की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की एक अन्य लाभार्थी रेशमा साबले ने बताया कि कैसे इस योजना के तहत प्रदान की गई सहायता ने उन्हें पौष्टिक आहार प्राप्त करने में मदद की है।

कर्नाटक के हावेरी जिले के दंबरमत्तूर गांव की श्रीमती निवेदिता केबी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से लाभ हुआ है और आंगनवाड़ी में प्रदान किए जाने वाले पौष्टिक भोजन के कारण उनके बच्चे स्वस्थ हो रहे हैं।

कर्नाटक के न्यामती तालुक के चटनहल्ली गांव की श्रीमती संगीता ने कहा कि उन्हें पीएम मातृ वंदना योजना के तहत अपनी पहली डिलीवरी के लिए 5,000 रुपये मिले।उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने हर महीने पौष्टिक भोजन प्रदान किया और संस्थागत प्रसव में मदद की।

जैसे-जैसे विकसित भारत संकल्प यात्रा आगे बढ़ रही है, ये महिला-उन्मुख कल्याणकारी योजनाएं देश भर की नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए सरकार के समर्पण के शानदार प्रमाण के रूप में खड़ी हैं।

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