यह सुनिश्चित करने के लिए कि शहरी भारत के गरीब परिवार सहित प्रत्येक नागरिक की स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच हो, सरकार ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (एसबीएम-यू) की शुरूआत की, जिसका एक उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाना था। यह 63.07 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) इकाइयों के निर्माण के साथ संभव हो सका जो लक्ष्य का 113.75 प्रतिशत है और 6.37 लाख सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय हैं, जो लक्ष्य का लगभग 128 प्रतिशत है। इसके अलावा एसबीएम-यू 2.0 1 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया जिसका उद्देश्‍य सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने के लिए कचरे को स्रोत से 100 प्रतिशत अलग करना, घर-घर संग्रह और कचरे के सभी अंशों के वैज्ञानिक प्रबंधन शामिल है। मिशन की अवधि 2021-26 है।

यह जानकारी आवासन और शहरी कार्य के राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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