कलेक्ट्रेट से लेकर तहसील तक जिला प्रशासन व भूमाफिया विरोधी जमकर लगे नारे

हर दूसरे दिन होती है इस प्रकार की घटना लेकिन जिला प्रशासन अपनी चिरनिंद्रा में

तहसील की भ्रष्ट कार्यशैली के चलते जिला प्रशासन है मजबूर यह देखने के लिए

जहां मुर्दों के नाम चलता है मुकदमा वह होती है दाखिल-खारिज यह है सदर तहसील जनपद उन्नाव

जिस भूमि का कभी आवंटन व पट्टा हुआ ही नहीं स्वयं तहसील व अभिलेख गवाह है वह संक्रमणी भूमिधर भी होती और असंक्रमणि दस्तावेज पर् की जाती है दाखिल-खारिज तो ऐसी घटनाएं देखने को मिलेंगी ही।

तहसील के उच्च अधिकारी बताते हैं उचित इन भृस्ट कर्मचारियों व अधिकारियों की ऊंची पहुंच व राजनीति दबाव के चलते जिले के उच्च अधिकारी भी दिखते हैं विवस।

भृस्ट अधिकारियों की खाऊ कुमाऊ, कुसंगत कार्य प्रणाली व भुमाफियो के प्रति इनकी संवेदना ही के कारण डंस झेलता है जिला प्रशासन।

अगर इन भृस्ट अधिकारियों के कुसंगत कार्यप्रणाली के चलते इनकी शिकायत को लेकर कोई तहसील दिवस में जिलाधिकारी जि से मिलना चाहे तो इन लोगों ने अपने मातहतों को दे रखा है आदेश की मत बनाना कोई पर्ची इस तरह के प्रार्थना पत्रों के लिए शिकायतकर्ता से कह दो कि वह जिलाधिकारी कार्यालय जाए। यह है इनकी कार्यप्रणाली।

जो कि आज भी जिलाधिकारी के तहसील दिवस में देखने को मिला।

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