मन में असीमित वेदना पर काबू पाकर माँ का अंतिम संस्कार करना और फिर अपने कर्तव्य को निभाना। यह शक्ति अशेष तपस्या और संस्कार से आती है,आपकी माँ आज सशरीर नहीं रही मोदीजी, मगर इस देश की करोड़ों मांओं का आशीर्वाद आप पर है। आप वाकई सच्चे अर्थों में कर्मयोगी है। Post navigation उन्नाव : न्योतनी “गाय को पहली रोटी” अभियान का उद्घाटन चित्रकूट : सराफा की दुकान में चोरी का हुआ खुलासा