यूएसबीआरएल परियोजना की 272 किमी लंबाई में से 161 किमी कमीशन की गई उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना (272 किमी) को 1994-95 में स्वीकृत किया गया था। परियोजना की अनुमानित लागत 37,012 करोड़ रुपये है, जिसमें से मार्च, 2022 तक परियोजना पर 26,786 करोड़ रुपये का व्यय किया जा चुका है। यूएसबीआरएल परियोजना की कुल 272 किलोमीटर लंबाई में से 161 किलोमीटर की लंबाई पहले ही शुरू की जा चुकी है। कटरा-बनिहाल खंड के 111 किलोमीटर के शेष खंड पर काम शुरू कर दिया गया है। किसी भी रेलवे परियोजना (परियोजनाओं) का पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे राज्य सरकार द्वारा त्वरित भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन मंजूरी, लागत साझा करने वाली परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा लागत का जमाव, उल्लंघन करने वाली उपयोगिताओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी , क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थिति, परियोजना (साइटों) के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु संबंधी कारणों से विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य महीनों की संख्या आदि। ये सभी कारक परियोजना के पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं ( एस)। वर्तमान में, यूएसबीआरएल परियोजना के बारामुला-बडगाम-बनिहाल खंड में 19 (उन्नीस) पैसेंजर स्पेशल ट्रेन सेवाएं चल रही हैं। इसके अलावा, नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत या मौजूदा ट्रेन सेवाओं का विस्तार भारतीय रेलवे पर यातायात की मांग, परिचालन व्यवहार्यता और रोलिंग स्टॉक की उपलब्धता के अधीन एक सतत प्रक्रिया है। नई लाइन परियोजनाओं पर राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, संसद सदस्यों, अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई मांगों और रेलवे की अपनी आवश्यकताओं के आधार पर विचार किया जाता है। चूंकि ऐसे प्रस्तावों की प्राप्ति एक सतत और सतत प्रक्रिया है, ऐसे अनुरोधों का केंद्रीकृत संग्रह नहीं रखा जाता है। प्रस्तावों को पारिश्रमिकता, अंतिम मील कनेक्टिविटी, भीड़भाड़/संतृप्त लाइनों की वृद्धि, सामाजिक-आर्थिक विचार, मिसिंग लिंक और पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी सहित वैकल्पिक मार्गों आदि के आधार पर चालू परियोजनाओं की देनदारियों के आधार पर लिया जाता है। धन और प्रतिस्पर्धी मांगें जो एक सतत और सतत प्रक्रिया है। यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। Post navigation भारतीय सूचना सेवा तथा भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों/प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की सड़क और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भारत-रूस वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई