स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा 2023 में देश भर के लोगों की भारी भागीदारी देखी जा रही है। नागरिक अपने पड़ोस, सार्वजनिक स्थानों, बस स्टॉप, मेट्रो स्टेशनों, रेल पटरियों, पहाड़ियों, समुद्र तटों और पर्यटन स्थलों से कूड़ा-कचरा के ढेर को साफ करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।
नवी मुंबई में सफाई मित्रों, नागरिकों, युवाओं, स्कूली छात्रों, यूएलबी और निगम अधिकारियों, प्रतिष्ठित हस्तियों, पुरुषों और महिलाओं की समान रूप से बड़ी भागीदारी देखी जा रही है। शहर ने समावेशी स्वच्छता के प्रतीक नवीन स्वच्छता गतिविधियों का एक सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र में नवी मुंबई में विभिन्न पहलों और अभियानों के माध्यम से बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी और लामबंदी देखी गई। लेकिन जो बात शहर के लिए सबसे विशेष रही, वह ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की भागीदारी थी।
समुदाय ने स्वच्छता की जिम्मेदारी ली और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पूरे स्वच्छता ही सेवा अभियान के बारे में विशेष रूप से स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य और सामान्य रूप से उचित स्वच्छता की आवश्यकता के बारे में जागरुकता फैलाने की जिम्मेदारी ली। आईएसएल 2.0 के दौरान शहर के 250 से अधिक ट्रांसजेंडरों ने वाशी वार्ड के मिनी समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया। ‘सफाई दो मत- सफाई करो’ वह संदेश था जो नवी मुंबई के ट्रांसजेंडरों ने शहर के ट्रैफिक सिग्नलों पर स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के लिए दिया था। अभियान के नाम ने शहर को कचरा मुक्त बनाने क लिए शिकायत करने की नहीं बल्कि स्वच्छता के कार्य करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। साड़ियां पहने, सफेद टोपी पहने और ट्विन बिन, कैंपेन स्टैंडी और प्लेकार्ड जैसे प्रमुख स्वच्छता घटकों से घिरे हुए उन्होंने तुरंत वहां से गुजर रहे वाहन चालकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कचरे को अलग करने को बढ़ावा देने की उनकी अनूठी पहल को राहगीरों ने भी खूब सराहा। इस नए अभियान के माध्यम से ट्रांसजेंडरों ने समावेशी स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया और परिवर्तन के चालक बन गए। उन्होंने भारत को कचरा मुक्त बनाने के लिए हर किसी को छोटा से छोटा योगदान देने के लिए प्रेरित करने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया क्योंकि हर प्रयास महत्त्व रखता है।

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