खामोश !!
गार्ड बुलाने की धमकी देते हैं तहसीलदार |
जनपद उन्नाव की सदर तहसील इस वक्त दलाली की पराकाष्ठा को पार करते हुए दिख रही है। आम नागरिक को बोलने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है और अगर कोई नागरिक थोड़ा साहस करके संबंधित अधिकारी के आगे अपना पक्ष रखने का साहस कर न्याय मांगने की गुहार करता है तो उसे तानाशाही रवैया के चलते तहसीलदार महोदय द्वारा लोकतंत्र की हत्या कर खुले मंच से गार्ड बुलाकर कक्ष से बाहर निकालने की धमकी दे दी जाती है। जिसके चलते आम नागरिक उक्त अधिकारियों के आगे सत्य की गुहार ना लगा सके और वह आम नागरिक इतना भयभीत हो जाता है कि वह खामोशी के आलम में चला जाता है और अधिकारी अपने पहले से नियत भू-माफिया के इशारे पर कार्य करने को स्वतंत्र दिखते । यही वाक्या आज पुनः माननीय तहसीलदार के कक्ष में देखने को मिला जहां एक याची ने अपनी बात को रखने का साहस किया तो उसका सच इतना कड़वा था जिस पर तहसीलदार साहब के इतने कड़े तेवर देखने को मिले कि उक्त याची को कक्ष से निकलने का फरमान काट दिया, यह कहते हुए की गार्ड बुला देंगे। ऐसे में ये किसका शासन कहा जाए वर्तमान लोकप्रिय योगी सरकार का शासन तो नहीं कहा जा सकता। शायद अधिकारी महोदय आज भी हिटलर शाही के शासन के तहत देखे जाते हैं ऐसा कहा जाता है की उक्त महोदय लंबी साठगांठ में माहिर बताए जाते हैं चूंकि यह एक विद्वान अधिकारी है और विपक्ष के बाहुबलियों की गोद में अक्सर बैठे देखे जाते हैं। और जहां कुबेर की वर्षा होती है वहां यह मनचाहा आदेश कर देते हैं, अगर वह आदेश आगे चलकर भारी चर्चा का विषय बना या जब उस पर कोई उच्च अधिकारी की नजर टेढ़ी हुई जो कि नियम के विरुद्ध है तो या अधिकारी महोदय उक्त आदेश को तत्काल स्थगन करने का आदेश भी दे देते हैं तब तक लंबा खेल हो जाता है। इसी हरकत के चलते जहां विगत जिलाधिकारी महोदय ने इनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए थे परंतु जिलाधिकारी महोदय के ट्रांसफर के चलते उक्त विषय को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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