उन्नाव- जनपद उन्नाव की सदर तहसील जहां विवादों में अपना एक स्थान अलग रखती है वहीं इसके कारनामे नाना प्रकार के देखने को मिलते हैं |
यहां के कर्मचारी की बात छोड़ो अधिकारी खाऊ कमाऊ रित के चलते इतने मस्त रहते हैं कि उन्हें सही व गलत से कोई लेना-देना नहीं।उक्त तहसील के उंगलियों पर गिने जाने वाले दो तीन दलाल गुड्डू – लाला आदि, जिनका पूरी तहसील पर एक छत्र राज्य है और अधिकारी उनके अधीन है क्योंकि वह अधिकारी की हर प्रकार की पूर्ति करने में सक्षम रहते हैं। जिसके चलते उनके द्वारा प्रस्तुत की गई फाइल को ना रजिस्ट्रेशन, ना मूल्यांकन, ना प्रचार, ना विचार, राजस्व परिषद के द्वारा निर्देशित आदेशों की किसी भी प्रकार की कोई भी कानूनी कार्रवाई न कर सिर्फ अपने चाहते दलालों व अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति को मदे नजर रखते हुए कानूनी नियमों को तार-तार कर आदेश कर दिए जाते हैं।
जिसमें विगत पूर्व एक प्रकरण में ये देखने को मिला की दलालों के द्वारा दाखिल खारिज फाइल को अधिकारी इस कदर गोद में लेते हैं की नियम व कानून को ताख-पर रखकर दाखिल खारीज प्रक्रिया को अंजाम दे दिया जाता है। जिससे दूसरा पक्ष बेबस वा लाचार सा दिखता है फिर सिलसिला चालू हो जाता है तारीख पर तारीख का जिसका लाभ उठाकर जालसाज दाखिल खारिज कराने वाले व्यक्ति उक्त भूमि को दूसरे के हाथ बेचने में सक्षम हो जाते हैं। जिसका लाभ इन अधिकारियों द्वारा ही उन्हें मुहहिया कराया जाता है।
इन दलालों की जांच कराने व इनको रोकने में “माननीय मुख्यमंत्री योगी जी के निर्देश भी निष्क्रीय दिखते हैं।”

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