उन्नाव,यूपी– नगर पालिका परिषद सदर उन्नाव की विषैली कार्यशैली के चलते आम जनमानस से लेकर आवारा पशु तक ठिठुरन भरी ठंड में मरने को मजबूर। अलाव तो कहीं जले नहीं, लेकिन लाखों की लकड़ी खरीद ली गई। जांच में आंच न आए, इसलिए कुछ अधिकारियों के बंगलों पर तैनात मातहतों के लिए नाम मात्र लकड़ी भेज दी गई। कुछ जिला प्रतिनिधियों के कार्यालयों और विशेष कार्यालयों में लकड़ी भेजकर खानापूर्ति कर दी गई। इस तरह हो जाता है लाखों रुपये का बंदरबांट अधिकारियों से इस विषय पर पूछने पर अपनी असमर्थता व्यक्त कर चुप रहना उचित समझते हैं अलाव के नाम पर कितना धन व्यय हो चुका ओर कितना व्यय होगा “हमको नहीं पता” नगर निकाय चुनाव के समय हर एक प्रत्याशी अपने को जनता का मसीहा बताता है ।और प्रत्येक विपक्षी को जनता का वो खुद का शत्रु बताता है।चुनाव हारने के बाद फिर उसी कथित शत्रु की गोद में लालचवश बैठने को दिखते हैं।विपक्ष की बात करें, तो वह भी सत्ताधारी पक्ष की गोद में जाकर मलाई के लालच में बैठ जाता है।सत्ता पक्ष की हनक के कारण ना कोई आंच, ना कोई जांच।

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