पथराव के दुष्परिणामों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आरपीएफ ने कई अभियान चलाए रेलवे सुरक्षा बल (अरपीएफ) निरंतर उठाए गए कदमों के माध्यम से रेल यात्रियों, यात्री क्षेत्रों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम है। इनमें पूर्वानुमानी, निवारक और खोजी प्रतिबद्धताएं शामिल हैं। इस अधिदेश से परे, आरपीएफ ट्रेनों के सुचारू संचालन में रेलवे की सहायता करने, संकट में यात्रियों की मदद करने और ट्रेनों से भागने वाले संदिग्धों को पकड़ने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करते हुए अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी वहन करता है। रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के अपने मिशन को ध्यान में रखते हुए, आरपीएफ ने रेलवे सुरक्षा के मद्देनजर दो महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए अप्रैल 2023 के दौरान एक महीने का अखिल भारतीय स्तर पर विशेष अभियान शुरू किया। पहला अभियान रेलवे ई-टिकटों की दलाली सहित दलाली में शामिल अपराधियों की पहचान करना और कानून के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करना था। दूसरा अभियान ब्लैक स्पॉट और पथराव की घटनाओं के प्रति अतिसंवेदनशील ट्रेनों की पहचान करना था और इस खतरे को रोकने के लिए जरूरी आवश्यक उपाय करना था। अभियान के दौरान, आरपीएफ कर्मियों ने अनधिकृत टिकट बुकिंग एजेंटों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशनों, आरक्षण काउंटरों तथा ऑनलाइन सामग्री का नियमित निरीक्षण किया। आरपीएफ कर्मियों ने जनता को अनधिकृत एजेंटों के माध्यम से टिकट बुक करने के खतरों के बारे में भी शिक्षित किया और उन्हें टिकट खरीदने के लिए वैध साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, आरपीएफ ने 42 से अधिक अवैध सॉफ्टवेयरों को नष्ट कर दिया और ऐसे अवैध सॉफ्टवेयरों के 955 दलालों, डेवलपर्स, बड़े विक्रेताओं, विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, आरपीएफ ने चलती ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं में अचानक वृद्धि देखी, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा था। इसके जवाब में, आरपीएफ ने स्थानीय अधिकारियों और ग्राम प्रशासन, जैसे ग्राम पंचायतों तथा उनके प्रतिनिधियों, स्कूलों, ट्रैक के साथ लगी बस्तियों, और कॉलेजों के साथ मिलकर काम करके पथराव के दुष्परिणामों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कई अभियान चलाए। इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्रों में नोटिस और पैम्फलेट प्रकाशित किए गए तथा जनता के बीच पत्रक वितरित किए गए। इसके अलावा, आरपीएफ ने कई अन्य उपाय किए, जिनमें ब्लैक स्पॉट्स पर तैनाती को बढ़ाना, ट्रेन का मार्गरक्षण, और अतिक्रमियों के खिलाफ अभियान शामिल थे। इसके परिणामस्वरूप, रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2773 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस संबंध में पुलिस, खुफिया एजेंसियों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ विशेष समन्वय बैठकें भी आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप इन अपराधों को अंजाम देने वाले 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया। रेलवे सुरक्षा बल रेल यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है और महीने भर चलने वाले इस विशेष अभियान की सफलता इसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत के रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ भविष्य में इसी तरह की पहल करना जारी रखेगा। Post navigation कोविड-19 अपडेट : 9 मई श्री नितिन गडकरी ने काजीरंगा एलिवेटेड रोड परियोजना की प्रगति की समीक्षा की