अभी अभी एक खुशखबरी मिली है। हमारे टीम्स की हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से New Delhi G20 Leaders’ Summit Declaration पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है की इस लीडर्स डिक्लेरेशन को भी adapt किया जाये। मैं इस डिक्लेरेशन को एडाप्ट करने की घोषणा करता हूँ। इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा , और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनन्दन करता हूँ जिन्होंने अतः परिश्रम कर के इसे सार्थक किया है और इसलिए भी ये सभी अभिनन्दन के अधिकारी हैं।

योर हाइनेसेस,
Excellencies,

हमारे यहां हजारों वर्ष पूर्व रचित वेदों में कहा गया है – एको अहम् बहुस्याम!

यानि, I am one; let me become many.

हमें Creation, Innovation और Viable Solutions के लिए “आई” से “वी” की तरफ बढ़ना होगा।

“आई” से “वी”,
यानि स्व से समष्टि की सोच,
अहं से वयं का कल्याण,
इस पर हमें बल देना होगा।

हमें दुनिया के हर वर्ग, हर देश, हर समाज, हर रीजन को जोड़ना होगा। और यही One Family की भावना है। जिस तरह हर फैमिली का अपना एक सपोर्ट सिस्टम होता है, वैसे ही हमें मिलकर एक ग्लोबल सपोर्ट सिस्टम का निर्माण करना होगा। किसी का सुख हमें सुखी करे, किसी का भी दुख हमें उतना ही दुखी करे, ये भाव हम में आना चाहिए। जब हम One Family के तौर पर सोचते हैं, तो हम ये भी ध्यान रखते हैं कि हर सदस्य को कैसे Empower किया जाए। भारत इसी भावना के साथ अपने हर अनुभव को अपने विशाल वैश्विक परिवार के साथ शेयर करना चाहता है। भारत में हमने development को inclusive और sustainable बनाने के लिए Technology को एक ब्रिज के रूप में अपनाया है। भारत ने बैंक अकाउंट्स, आधार आइडेंटिटी और मोबाइल फोन की JAM ट्रिनिटी से Inclusion का, Transparency का, targeted interventions का नया मॉडल विकसित किया है। World Bank ने भी कहा है कि JAM ट्रिनिटी ने सिर्फ 6 साल में वो financial inclusion rate हासिल करके दिखाया है, जिसे पाने में 47 साल लग जाते। इस मॉडल का उपयोग करके भारत ने, पिछले 10 साल में 360 बिलियन डॉलर, ज़रूरतमंदों के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर किए हैं। इससे करीब 33 बिलियन डॉलर्स की लीकेज होने से भी रुकी है, जो GDP का करीब सवा परसेंट होता है। निश्चित तौर पर, ये मॉडल दुनिया के लिए, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए, पूरे वैश्विक परिवार के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

One Family के रूप में भारत का Youth भी, हमारा युवा टैलेंट भी, एक प्रकार से ग्लोबल गुड के लिए है। आने वाले समय में दुनिया की ग्रोथ को बनाए रखने के लिए एक बड़ा स्किल्ड young talent pool बहुत ज़रूरी है।  इसलिए हमें “Global Skill Mapping” की तरफ बढ़ना चाहिए। ये ग्लोबल साउथ की भी प्राथमिकता है।

One Family की बात करते हुए, हमें अपनी Global Family के सामने आ रहे Challenges को भी ध्यान में रखना होगा। हमने देखा है कि कोविड के रूप में बहुत बड़ी वैश्विक चुनौती आई, तो दशकों से बनाई गई Global supply chains, पूरी तरह expose हो गई। One Family की भावना के तहत आज हमें ऐसी ग्लोबल सप्लाई चेन का निर्माण करना है, जो ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा दे। ये हम सभी की ज़िम्मेदारी है। हम देशों को, मानवता को, सिर्फ मार्केट्स के रूप में नहीं देख सकते।हमें संवेदनशील और long term approach की ज़रूरत है। हमें विकासशील देशों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। इसलिए, भारत ने जिस mapping framework का प्रस्ताव रखा है, उससे मौजूदा सप्लाई चेन को सशक्त करने में मदद मिलेगी। ग्लोबल सप्लाई चेन को इंक्लूसिव बनाने के लिए हमें Small Businesses के एक्टिव रोल को भी स्वीकारना होगा। ये ज़रूरी है कि उन्हें मार्केट्स और इंफॉर्मेशन तक एक्सेस मिले और उनके लिए ट्रेड कॉस्ट कम हो।

One Family के मंत्र पर चलते हुए हमें संवेदनशीलता के साथ विकासशील देशों का जो Debt Crisis है, उसे भी हैंडल करना है। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, ताकि संकट से घिरे देश इससे बाहर निकल सकें, और भविष्य में ऐसा संकट कभी ना आए। मुझे ख़ुशी है कि “Action Plan to Accelerate Sustainable Development Goals” के अंतर्गत फाइनेंस को बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। One Family की अप्रोच, “Holistic health और Wellness” सिस्टम के लिए भी उतनी ही जरूरी है। भारत में बन रहे WHO Global Centre for Traditional Medicine से पूरी दुनिया में Wellness को प्रमोट करने पर बल मिलेगा।

मैं आशा करता हूँ कि हम शीघ्र ही traditional medicine की global repository बनाने का प्रयास करेंगे। दुनिया के हर समाज में Mothers, फैमिली की ड्राइविंग फोर्स होती है। आज के भारत में वीमेन लीडरशिप हर सेक्टर में दिख रही है। भारत में करीब 45 प्रतिशत STEM यानि साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमैटिक्स ग्रेजुएट्स लड़कियां हैं। आज भारत के स्पेस प्रोग्राम में अनेक क्रिटिकल मिशन को हमारी महिला साइंटिस्ट हैंडल कर रही हैं। आज भारत के गांव-गांव में 90 मिलियन महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अभियान से जुड़कर छोटे-छोटे बिजनेस को आगे बढ़ा रही हैं। मेरा विश्वास है कि women-led development, इक्कीसवीं सदी में एक बहुत बड़े बदलाव का वाहक बनेगा। One Family Session में, मैं तीन सुझाव आपके बीच रखना चाहता हूं।

पहला, हम दुनिया की टॉप स्पोर्ट्स लीग्स से आग्रह कर सकते हैं, कि वे अपनी कमाई का 5 प्रतिशत हिस्सा ग्लोबल साउथ के देशों में महिलाओं के लिए स्पोर्ट्स infrastructure में निवेश करें। यह वैश्विक स्तर पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का एक नए प्रकार का मॉडल हो सकता है। दूसरा, जिस तरह सभी देश अलग-अलग कैटगरी के वीज़ा जारी करते हैं, उसी तरह हम “G20 Talent Visa” की एक स्पेशल कैटगरी बना सकते हैं। इस प्रकार का वीज़ा, हम सभी के Top Science and Technology talent को global opportunities को explore करने में बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। उनकी प्रतिभा और उनके प्रयास, हम सभी की अर्थव्यवस्थाओं में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। तीसरा, हम WHO की देख-रेख में Global Bio-banks बनाने के बारे में सोच सकते हैं। इसमें विशेष रूप से, ह्रदय रोग, सिकल सेल एनीमिया, एंडोक्राइन और ब्रैस्ट कैंसर जैसी बीमारियों पर ध्यान दिया जा सकता है। ऐसे Global Bio-Bank को भारत में स्थापित करने पर हमें बहुत खुशी होगी।

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