भू माफियाओं की दबंगई के शिकार किसान ने मुख्यमंत्री जी को शिकायती पत्र भेज लगाई न्याय की गुहार

जनपद उन्नाव – जहां भू माफिया का आतंक सर पर चढ़कर बोल रहा है वही जिला प्रशासन के कुछ भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी लालच वश नियम व कानून की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें प्रत्तोसाहित करते हुए देखे जाते हैं। जहां आम नागरिक तृशत दिखता है वही यह भ्रष्ट कानून के रक्षक ही आम आदमी के लिए भक्षक बने बैठे हैं। जहां यह भ्रष्ट अधिकारी सरकार को तो चूना लगाते ही है वही विधायक व पूर्व विधायकों के गुर्गे व भूमाफियाओं द्वारा मिली जकात से अपने ऐशो आराम के लिए राजस्व परिषद द्वारा निर्देशित नियमावलियों को ताक पर रखकर बगैर किसी जांच के भू माफिया के हित में अपना फैसला कर देते हैं। क्योंकि इनको मालूम है कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता फैसला तो फैसला है बहुत ज्यादा क्या होगा पीड़ित पक्ष अपील पर चला जाएगा तब तक भू माफिया द्वारा षड्यंत्र योजना के तहत उनके हक में किए गए फैसले से लाखों-करोड़ों के आरे न्यारे हो जाते हैं। और पीड़ित अपील पर अपील भटकता रहता है। कुछ तो न्याय की आस में दम तक तोड़ देते हैं लेकिन ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई ना कार्रवाई होती है और ना ही कोई इनकी जांच।

ऐसा ही मामला ग्राम एरा भदियार में स्थित भूमि संख्या 1360, 1397, 1398 मिल जुबला नंबर जहां पूर्व सत्ता पक्ष के पूर्व विधायक जी के गुर्गे भू माफियाओं द्वारा गैर कानूनी दस्तावेज को पेश कर लालची तहसीलदार द्वारा बगैर किसी नियम व कानून के दाखिल खारिज करा गांव में विवाद की स्थिति पैदा कर दी। इन भू माफिया द्वारा गांव में की गई दबंगई के चलते जहां गांव में भारी आक्रोश है और तो और किसान हरीभजन सिंह उर्फ पप्पू द्वारा बताया गया कि कई बीघा खड़ी फसल खरबूजा, तुरई, भिंडी आदि भू माफिया मोहम्मद अख्तर, मुल्क राज यादव आदि द्वारा तीन चार ट्रैक्टर ला अवैध असलाहों के दम पर जुतवा डाला। जबकि उक्त भूमि पर पूर्व में सदर एसडीएम महोदय द्वारा यथा स्थिति बनाएं रखने का आदेश पारित किया जा चुका था। परंतु इन भू माफियाओं के लिए कोई आदेश मायने नहीं रखता है। और तो और भू माफिया द्वारा भरे गांव में महिलाओं व बच्चों के समक्ष व समाज के अंदर यह कह देना कि हमने तहसील में दसियो लख रुपए तहसीलदार को खिलाएं हैं, अब हम जो चाहेंगे वही होगा।

बड़ी विडंबना के साथ कहना पड़ रहा है कि अगर यह भ्रष्ट अधिकारीयों को तनिक भी शर्म नहीं आती कि अपने लालच वश अपनी तो बेइज्जती कराते ही है और तो और आम जनमानस के बीच में इनका क्या वजूद रह जाता है। और वही नाबालिक बच्चे ऐसा सुन उनके मानसिक स्थिति क्या होती होगी। आगे चलकर यह बच्चे किस दिशा की तरफ क्या सोचेंगे।

साथ-साथ लोकप्रिय उत्तर प्रदेश सरकार की भी छवि को धुंधली करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। जिसके चलते आहत पीड़ित पक्ष हरीभजन सिंह पुत्र वीरपाल सिंह निवासी ग्राम एराभदियार ने माननीय मुख्यमंत्री जी को शिकायती पत्र संख्या 40015625025708 दिनांक 12- 5 -2025 प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई है। वर्तमान स्थिति तो यह है कि उक्त गांव सहित अगल-बगल के कई गांवों तक भ्रष्ट तहसीलदार अविनाश चौधरी की भ्रष्टाचार की चर्चा इतनी है कि उक्त गांव के छोटे-छोटे बच्चे तक जान गए हैं कि जनपद में कोई बहुत बड़ा भ्रष्ट अधिकारी है। लेकिन यह विडंबना है कि हमारे जिला के उच्च अधिकारी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के कृत्य पर पर्दा डालने में पीछे नहीं है। आखिर क्या वजह है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ क्यों नहीं कोई उचित जांच व कार्यवाही की जाती है। और उनके किए गए इनके कार्यकाल में फैसलों की जांच हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। व ऐसे दबंग भू माफियाओं की पुलिस द्वारा उच्च स्तरीय जांच करा इन्हें सजा दी जाए। यह कहना असत्य होगा कि विवादित भूमि पर किसी भी प्रकार की कोई बड़ी अप्रिय घटना घटित हो सकती है क्योंकि यह तो माफिया इतने दबंग होते हैं कि उनके खिलाफ जल्दी-जल्दी कोई पत्रकार समाचार प्रकाशन करना अपनी जान पर खेलना बराबर समझता है इनके द्वारा सीधी हत्या की धमकी दी जाती है और यह सक्षम भी होते हैं करा भी सकते हैं क्योंकि इनका मात्र एक ही काम की सरकार की संपत्ति कैसे हमारी हो ।

जहां ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी की छवि को भी धत्ता लगता दिख रहा है।

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