जागो रे जागो वन विभाग कुछ तो तरस खाओ जनपद उन्नाव पर। अपना उन्नाव भी होता हरा भरा। कांग्रेस की नीति ने जनपद की छीनी हरियाली। जनपद में होता है एक भव्य पर्यटक स्थल। आगर जिला प्रशासन व वन विभाग चाहे तो अभी भी बन सकता है सरकार द्वारा आम जनमानस हेतु कुछ भी। वन विभाग की शिथिलता के चलते लगभग ४५० बीघा वन विभाग की भूमि एक नोटिफिकेशन दिनांक 3. 8 .1960 नोटिफिकेशन क्रमांक 1405/14 के आधार पर ग्राम समाज में कर दी गई तब्दील। वन विभाग अपनी चीर निद्रा में सोता रहा नहीं कोई की उचित कार्रवाई।

देश की आजादी के बाद बने उत्तर प्रदेश नियमावली में बना वन विभागों के क्रम में जनपदों को जो भूमि जनपद हरियाली को लेकर वन विभाग को सुरक्षित भूमि के रूप सरकार द्वारा मुहैया कराई गई थी जनपद के 1960 के लगभग कांग्रेस के कद्दावर नेता मरहूम जियाउर रहमान अंसारी पूर्व केंद्रीय मंत्री के पिता मरहूम फजीरूर रहमान जी की रणनीति के चलते उन्नाव सदर परगना परियर की सीमा अंतर्गत 450 बीघा भूमि वन विभाग को अपने हाथों से धोनी पड़ी जिसकी चकबंदी बंदोबस्त के आकारपत्र 41 और 45 में आज भी उक्त भूमि वन विभाग के नाम दर्शी हुई पड़ी है। जिस पर कांग्रेसियों की पूर्व से षड्यंत्र रणनीति के चलते उक्त भूमिका सी एलआरडी योजना के तहत अपने चाहतों को वह अपने रिश्तेदारों को भूमि कृषि हेतु लाई गई योजना सी एलआरडी के तहत मनचाहे ढंग से एसडीओ द्वारा वितरण की गई जिस पर ग्राम समाज का ही अधिकार माना गया था और ग्राम समाज संबंधित कोई भी नियमावली व पटा संबंधित कोई मनक व नियम उक्त किसानों को नहीं मुहहिया करया गया था। ताकि यह भूमि सरकार की ही रहे लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी व अधिकारियों के उदासीनता के चलते भूमि का हो रहा बंदरबांट। वर्तमान में सदर तहसील के अधिकारी भी भूमाफियाओं को संरक्षण दे उक्त भूमि को ठिकाने लगाने में नहीं पीछे।

 

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