भव्य जर्मन हैंगर पांडाल में होगा रामलीला का मंचन, राज्याभिषेक अवसर पर विराट डांडिया रास व गरबा

 

जनपद की सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक रामलीला का आगाज़ धूमधाम से हुआ। रविवार को मोती नगर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर से ध्वज यात्रा का शुभारंभ हुआ। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों – आईबीपी चौराहा, बड़ा चौराहा, छोटा चौराहा से होती हुई रामलीला मैदान, साकेत धाम पहुंची।

 

साकेत धाम पहुंचकर 153वें श्रीरामलीला महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ आचार्य वृंदों के सस्वर मंत्रोच्चारण और गणपति पूजन के साथ किया गया। ध्वज रोहित कर स्थापित किया गया और इसी के साथ रामलीला महोत्सव की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा प्रवाहित हो उठी।

 

पत्रकार वार्ता में हुई जानकारी

 

रामलीला मैदान में आयोजित पत्रकार वार्ता में पदाधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष का मंचन भव्य जर्मन हैंगर पांडाल में किया जाएगा। मंचन की विशेषता यह होगी कि भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के अवसर पर विराट डांडिया रास व गरबा नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा।

 

गणमान्य रहे उपस्थित

 

शुभारंभ अवसर पर प्रमुख रूप से अध्यक्ष संजय राठी, महामंत्री अरविंद श्रीवास्तव कमल, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रवीण मिश्र भानू, कार्यवाहक महामंत्री प्रेम सिंह सेंगर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी, कृष्णप्रिय मोती श्याम, अधिवक्ता ओ पी तिवारी, डॉ. मनीष सेंगर, डॉ. प्रभात सिन्हा, फूलचंद्र जायसवाल, महेश गुप्ता, जगदीश माहेश्वरी, संजीव गुप्ता राजा, विनोद शर्मा, नीरज निगम, सुभाष गुप्ता व इंदु सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पदाधिकारी मौजूद रहे।

 

महोत्सव का आकर्षण

 

रामलीला कमेटी पदाधिकारियों के अनुसार, इस बार रामलीला में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। जर्मन हैंगर पांडाल की विशेष लाइटिंग, साउंड और मंच सज्जा दर्शकों को एक नया अनुभव कराएगी।

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