उन्नाव– जिले में करोड़ों की लागत से संचालित अमृत जल योजना की पोल रविवार को खुल गई। हैरानी की बात यह रही कि यह दृश्य जिलाधिकारी निवास से कुछ ही कदमों की दूरी पर सामने आया, जब योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन से कई फीट ऊँचा पानी फव्वारे की तरह उछल पड़ा। कुछ ही देर में मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया और आने-जाने वाले आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। जगह-जगह योजना की खामियां और घटिया कार्यप्रणाली सामने आ रही है, लेकिन जिम्मेदारों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखती। लोगों ने आरोप लगाया कि योजनाओं में करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं, परंतु धरातल पर केवल भ्रष्टाचार और लापरवाही का नजारा देखने को मिल रहा है।

 

मार्ग पर अचानक बने जलप्रपात जैसे दृश्य ने न केवल राहगीरों को असुविधा दी बल्कि कार्य की गुणवत्ता पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए। भारी मात्रा में बहते पानी से सड़क क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी मंडराने लगा है।

 

जिलाधिकारी निवास के पास हुई इस घटना ने अमृत जल योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता दोनों पर सवालिया निशान लगा दिया है। नागरिकों की मांग है कि इस योजना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

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