जांच कराने अगर गए तो रिपोर्ट तब काम आएगी जब तुम जिंदा बच गए तो

देसी बमों के ढेर पर लेटा कर की जाती है जांच जनपद का स्वास्थ्य महकमा चंद्र सिक्कों के आगे शून्य

भैया घबराइए नहीं यह जनपद उन्नाव के नामी गिरामी स्वास्थ्य जांच केंद्र है जो जनपद के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर अपना फला फूला व्यापार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण में बगैर किसी सरकारी मानक के व आम जनमानस के जीवन की सुरक्षा संबंधित सरकार द्वारा निर्देशित आदेशों की संपूर्ण NOC बिना व आम जीवन की सुरक्षा, बताए गए निर्देश ताक पर रखकर जांच केंद्र के नाम पर कबाड़ रूम में एमआरआई व‌ सीटी स्कैन पेशेंटो को लिटाकर करना। खुलेआम आमजनमानस के जीवन के साथ खिलवाड़ करना व उनको मौत के मुंह में लिटाकर जांच करना।
इसकी स्वीकृति इन्हें कौन देता है प्रशासन द्वारा इन पर क्यों नहीं सख्त कार्रवाई की जाती है। और ऐसे कबाड़ जांच केंद्रों को क्यों नहीं सीज किया जाता है। क्या किसी हादसे का इंतजार जिला प्रशासन करता है।
उक्त कुछ फोटो (बाकी तो अभी व्हाट्सएप में जगह कम होने के कारण लगाई नहीं) स्वयं गवाह है कि अगर हादसा होता है कोई तो कितना भयावह होगा। तब इसका कोई जवाब जिला प्रशासन के पास नहीं होगा।
एक दर्जन से अधिक मेमोरियल, जांच केंद्र व हर तरीके की जांच, जिनके द्वारा की गई जांच में जहां जांच में कोई आंच नहीं।
क्योंकि सूत्रों द्वारा बताया जाता है इन जांच केंद्रों द्वारा आमजन मानस को लूट कर जो धन प्राप्त किया जाता है उसका आधा पैसा जांच हेतु भेजने वाले चिकित्सक को शाम सूरज अस्त होने के पहले ही उसको डिलीवर कर दिया जाता है।
और कुछ अंश एकत्रित होने पर प्रत्येक माह चंद कदमों की दूरी पर स्थापित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को निर्गत किया जाता है।
जिससे इन जांच केंद्रों पर स्वाभाविक है भीड़ होना जहां यह जांच केंद्र आम जनमानस के अमूल्य जीवन के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं, जो संलग्न फोटो स्वयं बता रही हैं।
बताया यह भी जाता है कि इन जांच केंद्रों के स्वामित्व बड़े-बड़े लोगों तक अपनी पहुंच रखते हैं और एक आध मंत्री जी को अपना व्यापारिक सदस्य बताते हैं, जिससे जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य निदेशालय तक मुक् दर्शक बना बैठा रहता है।………….
शेष समाचार आम जनमानस के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले इन जांच केदो के नाम सहित जल्दी ही ?

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