उत्तर प्रदेश सचिवालय में हमारे रिश्तेदार बैठे हैं उच्च पदों पर विधायक से लेकर मंत्री तक मेरी जेब में ट्रांसफर व पोस्टिंग हम अपनी मर्जी से कराते हैं यह कथन है इन मदमस्त अधिकारियों का– उन्नाव जिले के एक परगना अधिकारी व् एक तहसीलदार द्वारा राजस्व परिषद के नियमों को ताक पर रखकर राजस्व आचार संहिता नियमों के कानून का बना दिया मखौल राजस्व अभिलेख में दर्ज इंद्राज को नजरअंदाज कर जो हम कहेंगे वही सही कि कार्यप्रणाली अपना कर आम जनमानस के साथ न्याय शब्द का उड़ा रहे मजाक और तो और अपने न्यायिक आदेशों में अपने कूट विवेक के चलते इतना विस्तारपूर्वक वर्णन कर अपने राजस्व अभिलेखागार में दर्ज अभिलेखों को नजरअंदाज कर आदेश पारित कर देते हैं जिसके चलते आम जनमानस इनके कूट चरित्र आदेशों का शिकार हो न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर विवश दिख रहा है जिससे वर्तमान लोकप्रिय सरकार की जनपद में छवि गिरती देखी जा सकती है ऐसे है राजस्व के न्याय अधिकारी। जो अपने खुद के आदेशों से खुद की नजीर बना रहे हैं और इनकी एक यह भी विशेषता है कि सरकार द्वारा उपलब्ध आम जनमानस के लिए वितरण सामग्री को वितरण कम फोटो सूट करा मीडिया में बने रहने का इनका पुराना शौक है ताकि जिले के उच्च अधिकारी देखें कि साहब कितने मन व तन से काम कर रहे हैं वितरण के समय ये राजनेताओं को भी पीछे कर देते हैं फोटो सूट के लिए। और जब कोई पत्रकार इनके कूट चरित्र आदेशों के बारे में संक्षिप्त में जानने का प्रयास करता है तो इनका वही पुराना ढर्रा कि तुम हमारा कुछ नहीं कर पाओगे और सीधी धमकी अंदर व बाहर की दे देते हैं और क्यों ना पत्रकार सहमे चुकी जिले स्तर व ऊंची पहुंच के अधिकारी है कुछ भी कर सकते। Post navigation एडीजी लखनऊ के आदेश पर बीघापुर सर्किल में हुई विशेष गोष्ठी पुलिस-जन सहयोग से बसी 8 परिवारों की दुनिया