अश्विन शुक्ल पूर्णिमा शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में ग्रहण है, जो की सम्पूर्ण भारत में दृश्य होगा। ग्रहण स्पर्श: रात्रि 1:05 बजे मध्य: रात्रि 1:43 बजे मोक्ष: रात्रि 2:24 बजे ग्रहण पर्वकाल 1 घंटा 19 मिनट इस ग्रहण का सूतक शाम 4:05 बजे से लगेगा। बालक, वृद्ध, रोगियों को सूतक रात्रि 10:05 बजे से मानना चाहिए। अश्विनि नक्षत्र, मेष राशि वालो को अनिष्ट कारक, मकर,वृषभ, कन्या राशि वालो को अशुभ फल, धनु, मीन, सिंह, तुला राशि वालो को मध्यम तथा वृश्चिक, कुंभ, मिथुन, कर्क राशि वालो को शुभ फल कारक होगा। जिन–जिन राशि को अनिष्ट,अशुभ, मध्यम फल है उन्हे ग्रहण नही देखना चाहिए तथा शांति हेतु जाप, दान, हवन पूजन आदि करना चाहिए। गोदान, तुलादान, अन्न वस्त्र आदि के दान का महत्व है। ग्रहण के आरंभ व मोक्ष में स्नान और मध्य में हवन जप दान का महत्व है। गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए जैसे चाकू, कैंची, सुई ।चाकू से फल, सब्जी नही काटना चाहिए, कैंची से वस्त्र आदि नही काटने चाहिए। सदाचरण से रहना चाहिए गेरूलेप युक्त साड़ी का पल्ला सिर पर ओढ़ना चाहिए। Post navigation चित्रकूट: प्रधानमंत्री ने पूज्य श्री का लिया आशीर्वाद लखनऊ: एकाना स्टेडियम अखिलेश यादव